यह ख़बर 17 जुलाई, 2013 को प्रकाशित हुई थी

चीन सीमा पर बढ़ेगी भारतीय सेना की ताकत, लड़ाकू कोर के गठन को मंजूरी

खास बातें

  • चीन से सटी सीमा पर सैना की तैनाती बढ़ाने के लिए सरकार ने एक अहम फैसले में 40 हजार सैनिकों की संख्या वाली नई माउंटेन स्ट्राइक कोर बनाने को हरी झंडी दे दी है।
नई दिल्ली:

चीन से सटी सीमा पर सैना की तैनाती बढ़ाने के लिए सरकार ने एक अहम फैसले में 40 हजार सैनिकों की संख्या वाली नई माउंटेन स्ट्राइक कोर बनाने को हरी झंडी दे दी है।

कैबिनेट की सुरक्षा मामलों की कमेटी ने चीन की सीमा पर सरहद के उस ओर बढ़ते फौजी बंदोबस्त को देखते हुए यह फैसला किया है। नई माउंटेन कोर बनाने के लिए सरकार सात साल में करीब 64 हजार करोड़ रुपये खर्च करेगी। योजना के मुताबिक नई माउंटेन स्ट्राइक कोर का मुख्यालय पश्चिम बंगाल के पानागढ़ में होगा।

वर्ष 2009 के बाद पहली बार भारत ने अपनी फौजी ताकत में इतना बड़ा इज़ाफ़ा किया है। 2009 में भारत ने उत्तर-पूर्व में दो माउंटेन डिवीज़न बनाने का फ़ैसला किया था। सेना प्रमुख जनरल बिक्रम सिंह और वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल एनएके ब्राउन भी रक्षा मामलों से संबद्ध संसदीय समिति (सीसीएस) को संभावित स्पष्टीकरण देने के लिए प्रधानमंत्री कार्यालय में मौजूद थे।

समिति में अन्य सदस्य रक्षामंत्री एके एंटनी, विदेश मंत्री सलमान खुर्शीद और वित्तमंत्री पी चिदंबरम आदि हैं। इस योजना के मुताबिक वायुसेना भी पानागढ़ में हवा में ईंधन भरने वाले छह टैंकर और सी- 130 जे हरक्यूलिस विशेष अभियान विमान जैसी चीजें तैनात करेगी। सेना ने वर्ष 2010 में ही इस संबंध में अपना प्रस्ताव भेजा था, लेकिन सरकार ने यह कहते हुए उसे लौटा दिया था कि थल सेना, वायुसेना और नौ सेना तीनों को उस क्षेत्र में अपनी क्षमता मजबूत करने की योजना पर साथ मिलकर काम करना चाहिए। सेना को पूर्वोत्तर क्षेत्र में कई नए आर्म्ड और आर्टिलरी डिवीजन भी मिलेंगे।

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(इनपुट भाषा से भी)