अरविंद केजरीवाल का फाइल फोटो...
नई दिल्ली: दिल्ली मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और केंद्र के बीच जारी 'जंग' में एक नया मोड़ सामने आया है। अब केजरीवाल सरकार ने एंटी करप्शन ब्रांच के चीफ मुकेश मीणा को एक नोटिस जारी कर उनसे जवाब तलब किया है। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने मीणा को दस दिन पहले यह नोटिस भेजा था, जिसका आज तक मीणा को जवाब देना है। इस नोटिस में मुख्यमंत्री ने मीणा पर एसीबी में मनमानी का आरोप लगाया है। साथ ही विभागीय जांच बैठाने की धमकी भी दी है।
मुख्यमंत्री केजरीवाल ने नोटिस में लिखा है...
- एसीबी के दफ़्तर में सीआरपीएफ़ के जवानों की तैनाती की गई।
- बिना दिल्ली सरकार की अनुमति के एफ़आईआर दर्ज़ करना।
- केस डायरी अपने पास रखना।
- 1031 हेल्पलाइन बंद कर नई हेल्पलाइन शुरू करना।
- अवैध तरीक़े से जांच बिठाई जा रही है।
नोटिस में इन आरोपों को लगाते हुए कहा गया है कि क्यों न आपके ख़िलाफ़ विभागीय कार्रवाई की जाए। हालांकि एसीबी सूत्रों के मुताबिक नोटिस अवैध है। उनका कहना है कि दिल्ली सरकार को कार्रवाई करने का कोई अधिकार नहीं है।
ख़ास बात यह है कि दिल्ली और केंद्र के बीच दिल्ली हाईकोर्ट के दखल के बाद संघर्षविराम सा चल रहा था, क्योंकि कोर्ट ने ही दिल्ली बनाम केंद्र के सभी विवादों पर रोज़ाना सुनवाई करने और तब तक दोनों पक्षों से एक दूसरे पर कोई कार्रवाई न करने को कहा था।
लेकिन शुक्रवार को डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने आरोप लगाया की केंद्र सरकार ने उनसे बिना पूछे उनके अहम अफसर ट्रान्सफर कर दिए हैं और अब इसके बाद अब केजरीवाल ने मीणा को मेमो थमा दिया है, जिससे शांत सी पड़ती दिख रही यह लड़ाई फिर शुरू होती दिख रही है।