खास बातें
- मंगलवार को दिल्ली में घटित हुई घटना
- बच्चा प्ले स्कूल से घर लौट रहा था
- गाड़ी रिवर्स करते वक्त हुआ हादसा
नई दिल्ली: मंगलवार को तीन साल के अविरल राणा की मां दिल्ली के पहली मंजिल पर स्थित अपने घर की बालकनी में खड़ी थीं. उन्होंने अपने बेटे को स्कूल वैन से उतरते हुए देखा. अगले चंद पलों के भीतर गाड़ी को पीछे घुमाते वक्त वह उसके नीचे कुचल गया.
बच्चे की निकटवर्ती सिविल लाइंस एरिया के अस्पताल में मौत हो गई. उसके खून के धब्बे अभी भी उस मारुति वैन पर मौजूद है. दो किमी दूर उसके प्ले स्कूल तक ले जाने के लिए एक महीने पहले ही उसके अभिभावकों ने वैन की थी. वह तब इस बात से बिल्कुल बेखबर थे कि वह प्राइवेट वैन हर रोज सड़कों पर कई नियमों का उल्लंघन करती थी.
प्राइवेट वैन के पास स्कूली बच्चों को ले जाने का परमिट नहीं था और उस पर यह दर्शाने के लिए कोई साइनबोर्ड नहीं था कि वह स्कूल वैन है. नियमों के विपरीत वैन में कोई टीचर या अटेंडेंट मौजूद नहीं था. गाड़ी पर मानकों के अनुरूप पीले रंग की कोई स्ट्रिप नहीं थी और न ही ड्राइवर का पूरा ब्योरा प्रमुखता से डिस्प्ले किया गया था. गाड़ी में आग बुझाने वाला या प्राथमिक उपचार के लिए बॉक्स भी नहीं था. सिर्फ इतना ही नहीं गिरफ्तार किए गए ड्राइवर के पास बच्चों के इमरजेंसी कांटेक्ट का ब्योरा भी नहीं था.
ड्राइवर राहुल कुमार (28) को पहले भी गैर-जिम्मेदाराना ढंग से गाड़ी चलाने के लिए चेतावनी दी गई थी लेकिन किसी ने भी उसको ड्राइविंग करने से नहीं रोका. अविरल को मेन रोड पर छोड़ने के बाद उसने गाड़ी को रिवर्स कर आगे बढ़ा दी. उसने यह भी नहीं देखा कि अविरल अभी भी मेन रोड पर था. उसने तब तक रुकने की जहमत भी नहीं उठाई जब तक कि अविरल के अभिभावक उसको लेने के लिए आते. उसको उसी जगह स्थानीय लोगों ने पकड़ लिया और पीटने के बाद पुलिस को सौंपा.
यद्यपि नियम कहते हैं कि यदि निर्धारित स्थल पर अभिभावक मौजूद नहीं होते हैं तो ड्राइवर को उस बच्चे को वापस स्कूल ले जाना होता है. भारतीय रेलवे में टेक्नीशियन के पद पर कार्यरत हितेंद्र राणा ने कहा, ''अभी बस एक महीने से ही हमने उसको वैन में स्कूल भेजना शुरू किया था. उसको रोज की तरह हमारे घर से महज चंद कदम दूरी पर उतारा गया था लेकिन रिवर्स के दौरान गाड़ी पर चढ़ गई और कुछ दूर तक घसीटते हुए ले गई.''
दिल्ली सरकार ने मामले की जांच के आदेश दिए हैं. प्ले स्कूल ने भी इस घटना से दूरी बनाते हुए कहा है कि यदि अभिभावक प्राइवेट अप्रमाणित वैनों को यदि हायर करते हैं तो उसके लिए उन्हें जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता.