यह ख़बर 18 जुलाई, 2011 को प्रकाशित हुई थी

समझौता विस्फोट : असीमानंद ने कहा, निर्दोष हूं मैं

खास बातें

  • गिरफ्तार स्वामी असीमानंद ने एक बार फिर कहा है कि वह निर्दोष है और एजेंसी के पास उसके खिलाफ कोई सबूत नहीं है।
पंचकुला:

समझौता एक्सप्रेस ट्रेन में विस्फोट के सिलसिले में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) द्वारा गिरफ्तार स्वामी असीमानंद ने एक बार फिर कहा है कि वह निर्दोष है और एजेंसी के पास उसके खिलाफ कोई सबूत नहीं है। असीमानंद और इस मामले के एक अन्य आरोपी लोकेश शर्मा को सोमवार को जांच एजेंसी के विशेष न्यायाधीश सुभाष मेहला की अदालत में पेश किया गया। मामले की अगली सुनवाई 17 अगस्त को होगी। अदालत परिसर से बाहर संवाददाताओं से बातचीत में असीमानंद ने कहा, "मैं निर्दोष हूं। जांच एजेंसी के पास मेरे खिलाफ कोई सबूत नहीं है और मेरी गिरफ्तारी गैर-कानूनी है। यह मुझे फंसाने का षड्यंत्र है। वे मुझे प्रताड़ित कर रहे हैं और मुझ पर गलत बयान देने के लिए दबाव बना रहे हैं।" असीमानंद के वकील मनवीर सिंह राठी ने कहा, "जांच एजेंसी ने अपने आरोप पत्र के समर्थन में सोमवार को अदालत में कुछ दस्तावेज पेश किए। एजेंसी के वकील ने बताया कि अपने दावे को अधिक मजबूत बनाने के लिए वह अगली सुनवाई तक और दस्तावेज पेश करेंगे। एजेंसी ने यह भी कहा कि वह साध्वी प्रज्ञा सिंह और अन्य लोगों के खिलाफ भी दस्तावेज एकत्र कर रही है।" उल्लेखनीय है कि जांच एजेंसी ने 20 जून को असीमानंद और लोकेश के साथ-साथ संदीप डांगे, रामचंद्र कलासांग्रा तथा सुनील जोशी के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया गया था। इनमें जोशी की मौत हो चुकी है, जबकि डांगे और कालासांग्रा फरार है। आरोप पत्र में असीमानंद को समझौता विस्फोट का मुख्य साजिशकर्ता बताया गया है। असीमानंद को पिछले साल 19 नवम्बर को उत्तराखण्ड से 2007 में हैदराबाद के मक्का मस्जिद धमाकों के सिलसिले में गिरफ्तार किया गया था।


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