यह ख़बर 20 सितंबर, 2012 को प्रकाशित हुई थी

केजरीवाल की सोच बदल गई है : बेदी

खास बातें

  • किरण बेदी का कहना है कि अरविंद केजरीवाल की सोच बदल गई है। हो सकता है कि आंदोलन को लेकर अरविंद का नजरिया बदल गया हो। वह सोच रहे होंगे कि हर चीज की हद होती है।
नई दिल्ली:

भ्रष्टाचार निरोधक आंदोलन के राजनीतिक होने की जरूरत पर सवाल उठाते हुए सामाजिक कार्यकर्ता और भारतीय पुलिस सेवा की पूर्व अधिकारी किरण बेदी ने गुरुवार को आरोप लगाया कि आंदोलन के चरित्र के सवाल पर अरविंद केजरीवाल ने अपना रुख बदल लिया है न कि अन्ना हजारे ने।

बेदी ने कहा कि देश के सभी आंदोलनों को एकजुट करने के अलावा अन्ना हजारे भ्रष्टाचार और सशक्त लोकपाल विधेयक लाने के मुद्दे पर राजनीतिक दलों पर दबाव बना सकते हैं। उन्होंने गैरराजनीतिक बने रहते हुए और आंदोलन को जारी रखते हुए हजारे का पक्ष लेकर कहा, ‘पार्टी बनाने की क्या मजबूरी है?’

हजारे ने भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई लड़ने के लिए पार्टी बनाने की योजना पर काम कर रहे अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाले समूह से अलगाव की घोषणा की है। बेदी ने कहा, ‘‘वह कभी भी राजनीतिक रुख अख्तियार नहीं करेंगी।’ बेदी ने कहा, ‘अन्ना की सोच में कोई बदलाव नहीं हुआ है। अरविंद की सोच बदल गई है। हो सकता है कि आंदोलन को लेकर अरविंद का नजरिया बदल गया हो। वह सोच रहे होंगे कि हर चीज की हद होती है। यह उनकी सोच हो सकती है। मैं इसका आदर करती हूं। अन्ना ने तो नहीं लेकिन अरविंद ने अपनी सोच बदल ली है। यही फर्क है।’

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उन्होंने कहा कि कोई फूट नहीं पड़ी है बल्कि नई कदम और मजबूती देगा। बेदी ने कहा, ‘अरविंद पार्टी बनाकर साफ-सुथरी छवि के लोगों को शामिल करेंगे। आंदोलन जारी रहेगा और उनकी पार्टी भी होगी। अब आपके पास दोनों तरफ से मजबूती है। बहरहाल, एक आंदोलन पार्टी नहीं बन सकता और एक पार्टी आंदोलन नहीं हो सकती।’