यह ख़बर 11 जून, 2011 को प्रकाशित हुई थी

रामदेव बेहतर, दोबारा मिले श्री श्री रविशंकर

खास बातें

  • अध्यात्मिक गुरु श्री श्री रविशंकर ने बाबा से अस्पताल में मुलाकात की। दूसरी ओर सरकार ने कहा कि रामदेव से पिछले दरवाजे से कोई बातचीत नहीं हो रही।
देहरादून/नई दिल्ली:

भ्रष्टाचार और काले धन के खिलाफ अनशन कर रहे योग गुरु बाबा रामदेव की हालत शनिवार को स्थिर रही। सेहत बिगड़ने पर शुक्रवार को उन्हें देहरादून के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया था। योग गुरु का अनशन समाप्त कराने के लिए शनिवार को भी प्रयास किए गए। अध्यात्मिक गुरु श्री श्री रविशंकर ने बाबा रामदेव से अस्पताल में शनिवार को दूसरे दिन मुलाकात की। दूसरी ओर सरकार ने स्पष्ट किया कि योग गुरु से पिछले दरवाजे से कोई बातचीत नहीं हो रही है। इस बीच विपक्षी भारतीय जनता पार्टी ने रामलीला मैदान में बाबा रामदेव पर चार जून को की गई कार्रवाई के लिए कांग्रेस नेतृत्व वाली संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार पर हमला जारी रखा। भाजपा ने रामलीला मैदान में की गई पुलिस कार्रवाई की केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) से जांच कराए जाने की भी मांग की। भाजपा ने अपनी मांग को लेकर दिल्ली में 14 स्थानों पर विरोध प्रदर्शन किया। देहरादून के जोली ग्रांट हॉस्पिटल के डॉक्टर दीपक गोयल ने संवाददाताओं को बताया कि बाबा उनकी हालत स्थिर बनी हुई है। शुक्रवार रात अचानक उनकी तबीयत बिगड़ी थी लेकिन इलाज से स्थिति में सुधार हुआ और अब उनकी हालत स्थिर है। उन्होंने बताया, "बाबा रामदेव को बैठने और बोलने में परेशानी हो रही है और उन्हें कमजोरी है।" डॉक्टर ने बताया कि  बाबा रामदेव का रक्तचाप 110/78 और नब्ज 68 है। शुक्रवार रात को उनका रक्तचाप घटकर 80/40 हो गया था। उन्होंने बताया कि बाबा रामदेव गहन चिकित्सा कक्ष (आईसीयू) में नहीं हैं लेकिन उससे सटे वीआईपी वॉर्ड में अपने करीबी सहयोगी बालकृष्ण के साथ हैं। डॉक्टर ने बताया कि बालकृष्ण की हालत भी स्थिर है। वह भी बाबा रामदेव के साथ अनशन कर रहे हैं। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया है कि बाबा रामदेव ने अब तक कुछ भी खाया-पीया नहीं है। डॉक्टर ने बताया, "उन्हें ग्लूकोज और विटामिन चढ़ाए जा रहे हैं लेकिन उन्होंने कुछ भी खाया-पीया नहीं है।" बाबा रामदेव से अस्पताल में मुलाकात करने के बाद श्री श्री रविशंकर ने कहा कि योग गुरु अपना अनशन जारी रखने पर अड़े हुए हैं। रविशंकर ने संवाददाताओं से कहा, "वह अनशन जारी रखने पर अड़े हुए हैं। यदि वह अड़े हुए हैं तो मैं भी इस बात पर दृढ़ हूं कि जबतक वह अपना अनशन नहीं तोड़ेंगे, हम यहां से नहीं हटेंगे।" इस बीच केंद्रीय कानून मंत्री एम. वीरप्पा मोइली ने शनिवार को इस बात से इंकार किया कि सरकार योग गुरु बाबा रामदेव के साथ पिछले दरवाजे से कोई बातचीत कर रही है। मोइली ने यहां संवाददाताओं से कहा, "पिछले दरवाजे से या सामने के दरवाजे से किसी के साथ कोई बातचीत नहीं हो रही है। श्री श्री रविशंकर ने मुझसे बर्लिन से फोन पर बात की थी और वापस स्वदेश लौटने के बाद भी इस घटनाक्रम पर मुझसे बात की। घटनाक्रम पर उन्होंने अपनी चिंता जाहिर की और कहा कि वह बाबा रामदेव से बात करेंगे।" कांग्रेस नेता पीएल पुनिया ने शनिवार को लखनऊ में कहा कि भ्रष्टाचार के खिलाफ योग गुरु बाबा रामदेव का अनशन अब महत्वहीन हो चुका है। अनुसूचित जाति आयोग के अध्यक्ष पुनिया ने कहा, "बाबा रामदेव जो अब कर रहे हैं उसका कोई महत्व नहीं बचा है। इस अनशन का कोई मतलब नहीं है क्योंकि उनकी मांगें सरकार पहले ही स्वीकार कर चुकी है। अब उन्हें अनशन समाप्त कर देना चाहिए।" लेकिन विपक्ष कांग्रेस पर लगातार हमला कर रहा है। मनमोहन सिंह सरकार को सर्वाधिक भ्रष्ट और दमनकारी बताते हुए भाजपा ने शनिवार को कहा कि प्रधानमंत्री एक कम्पनी के मालिकों-सोनिया गांधी व राहुल गांधी- की ओर से एक मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) के तौर पर काम करते हैं। भाजपा प्रवक्ता रविशंकर प्रसाद ने अहमदाबाद में संवाददाताओं से कहा, "मनमोहन सिंह की सरकार आजादी के बाद की सबसे भ्रष्ट सरकार है। जैसे-जैसे भ्रष्टाचार के मामले बाहर आ रहे हैं, इस सरकार का दमनकारी चरित्र व्यापक रूप से साफ होता जा रहा है।" प्रसाद ने कहा कि भाजपा का मानना है कि सरकार विदेशों में जमा काले धन को वापस लाने को उत्सुक नहीं है। भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी ने अपने ब्लॉग में लिखा, "हाशिए पर पहुंच चुकी सरकार जनता के क्रोध के सामने अपनी गलतियों का बचाव नहीं कर सकी और एक निराश नेतृत्व ही इस तरह का व्यवहार कर सकता है।" राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) के सरसंघचालक मोहन भागवत ने एक बयान में कहा, "मैं बाबा रामदेव से विनती करता हूं कि वह अपना अनशन जल्द समाप्त कर दें और राष्ट्र के पुनरुद्धार का अपना आंदोलन फिर से शुरू करें।" भागवत ने कहा, "भ्रष्टाचार और काले धन के खिलाफ बाबा रामदेव के अथक अभियान के लिए देश की जनता उनकी बहुत अभारी हैं। उनके अभियान ने लाखों नागरिकों को जगाया और प्रेरित किया है और उनके अंदर की देशभक्ति को उभारा है।" उधर, पंजाब के मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल ने केंद्र सरकार से बाबा रामदेव की मांगें स्वीकार कर लेने को कहा है। बादल ने सरकार को चेतावनी दी है कि यदि बाबा रामदेव के साथ कुछ अप्रिय हो गया तो सरकार भविष्य में उसके परिणाम भुगतने को तैयार रहे। ज्ञात हो कि अनशन के सातवें दिन शुक्रवार को तबियत बिगड़ने के बाद बाबा रामदेव को इलाज के लिए देहरादून के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया है।


Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com