यूपी बोर्ड के छात्रों का भविष्य दांव पर, चपरासी और बाबू कर रहे हैं कॉपियों की जांच

लखनऊ:

एशिया के सबसे बड़े माध्यमिक शिक्षा परिषद यूपी बोर्ड के 65 लाख छात्रों का भविष्य खतरे में दिखाई दे रहा है, क्योंकि इन बच्चों के एग्ज़ाम की कॉपियां चपरासी और बाबू जांच रहे हैं।

दरअसल, इस वक्त यूपी में 2015 की हाईस्कूल और इंटरमीडिएट की परीक्षाओं की पांच करोड़ कॉपियों को जांचने का काम तेजी से चल रहा है।

चौंकाने वाली बात यह है कि बोर्ड की तरफ से मूल्यांकन परीक्षक बनने का नियुक्ति पत्र चपरासियों और बाबुओं तक को जारी कर दिया गया है, लेकिन खबर का खुलासा होने के बाद कुछ जगहों पर तो इन्हें कॉपी चेक करने से रोक दिया गया है, लेकिन कई जगहों पर अभी भी ऐसे लोग कॉपी चेक कर रहे हैं।

यूपी के माध्यमिक शिक्षा मंत्री महबूब अली ने कहा है कि वह इस मुद्दे पर बात नहीं करेंगे, लेकिन मामले की जांच ज़रूर करवाएंगे।

यहां अंग्रेजी के टीचर से एनडीटीवी ने सवाल किया,  Who is the VicePresident Of India?

टीचर का जवाब कुछ इस तरह से था, 'Indian is a very famous Vice President in our justice of our Knowledge of a India Population in coming for civilization- come for Education'

ऐसे लोग कॉपियों के मूल्यांकन के कार्य में लगे हुए हैं। यहां तक कि ऐसे शिक्षक भी इस कार्य को कर रहे है, जिनमें से कुछ तो टीचर है, जिन्हें कुछ भी नहीं आता और वे आंख मूंदकर धड़ाधड़ कॉपिया जांच रहे हैं।

उल्लेखनीय है कि अभी पिछले महीने बिहार में भी 12वीं कॉपियां जांचने वाले शिक्षकों की काबिलियत पर सवाल उठे थे, जब एनडीटीवी संवाददाता आलोक पांडे सहरसा के एक सेंटर पर पहुंचे थे। जब उन्होंने कॉपी जांच रहे शिक्षकों से बात की तो शिक्षकों की जानकारियां हैरान करने वाली थीं। अंग्रेजी की कॉपी जांच रहे शिक्षक को 'शेक्सपियर' की स्पेलिंग तक नहीं पता थी।


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