बागपत खाप पंचायत मामला : सुप्रीम कोर्ट ने दिए दलित युवक को रिहा करने के आदेश

बागपत खाप पंचायत मामला : सुप्रीम कोर्ट ने दिए दलित युवक को रिहा करने के आदेश

सुप्रीम कोर्ट की फाइल फोटो

नई दिल्‍ली:

उत्तर प्रदेश के बागपत जिले में खाप पंचायत के कथित रूप से बलात्कार का फरमान सुनाए जाने के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने दलित युवक को राहत देते हुए निजी मुचलके पर रिहा करने के आदेश दिए हैं।

दिल्ली पुलिस को दलित परिवार को सुरक्षा देने के आदेश के साथ-साथ यूपी पुलिस को कहा है कि वो दलित युवक के खिलाफ मामलों की जांच तो करें लेकिन कोर्ट की इजाजत के बिना फाइनल रिपोर्ट दाखिल न करें। युवक अभी मादक पदार्थ मामले में जेल में है। वैसे निचली अदालत ने 1 लाख के मुचलके पर जमानत दी थी।

सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को यूपी पुलिस को युवक को कोर्ट में पेश करने को कहा था। पुलिस ने युवक को पेश किया और मामले की सुनवाई चैंबर में की गई। इससे पहले सोमवार को कोर्ट ने पूरे परिवार को पेश होने के निर्देश दिए थे। मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट ने बंद चैंबर में दलित परिवार के साथ करीब आधे धंटे तक बात की और निर्देश जारी किए थे। वहीं दलित लड़की ने यूपी पुलिस पर गलत मामला दर्ज करने और मादक पदार्थों के तहत फंसाए जाने का आरोप लगाया है जिस पर यूपी सरकार से सुप्रीम कोर्ट में जवाब दाख़िल करने को कहा गया है।

दरअसल पिछले महीने बागपत जिले की एक दलित लड़की ने सुप्रीम कोर्ट में फरियाद लगाई थी कि गांव के उच्च जाति की खाप पंचायत ने उसका और उसकी बहन के बलात्कार का फरमान सुनाया है। इन लड़कियों के भाई की मित्रता इस गांव के उच्च जाति के परिवार की लड़की से थी। इस पूरे मामले की जांच हो ही रही थी कि तभी एक नया मोड़ आ गया। दलित लड़के की कथित महिला मित्र ने पुलिस में उल्टे यह शिकायत दर्ज करा दी है कि नौकरी दिलाने के बहाने लड़का उसे दिल्ली ले गया था जहां उसके साथ बलात्कार भी किया गया।

हुआ यूं है कि जुलाई महीने में बागपत जिले का एक दलित लड़का और उच्च जाति की लड़की एक साथ दिल्ली के महरौली इलाके में पाए गए। लड़की शादीशुदा थी। उसके घर वालों ने दलित लड़के पर लड़की को बरगलाने का इल्ज़ाम लगाया। उस वक्त लड़की ने अपने परिवार के बयान के समर्थन में कुछ नहीं कहा इसलिए पुलिस ने लड़के पर अपहरण का मुकादमा दर्ज करने के बजाय उसे नारकोटिक्स एक्ट में जेल भेज दिया।

लड़के की बहन अब सुप्रीम कोर्ट पहुंची है। उसका आरोप है कि बागपत में एक खाप पंचायत ने इस घटना से नाराज होकर फरमान सुनाया है कि लड़की  के परिवार के लोग बदला लेने के लिए दलित लड़के की दोनों बहनों के साथ बलात्कार करेंगे। दलित लड़की ने अदालत से सुरक्षा मांगी है। सुप्रीम कोर्ट ने पुलिस को मामले की जांच करके कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं।

मामले में एक पेंच यह है कि कुछ दिनों बाद दलित लड़के के साथ दिल्ली में पाई गई लड़की ने इसे मोहब्बत का नहीं बल्कि धोखाधड़ी का मामला बताया। बागपत जिले के एसपी से लड़की ने शिकायत की है कि दलित लड़का उसे बहला-फुसलाकर दिल्ली ले गया था, जहां उसने उसके साथ बलात्कार किया।

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एसपी ने मामले की जांच के बाद कार्रवाई करने की बात कही है। दूसरी तरफ लड़के के घर के लोग कह रहे हैं कि लड़की झूठ बोल रही है और यह बयान उसने तब क्यों नहीं दिया जब वह दिल्ली से लौटी थी। लड़की का कहना है कि परिवार की इज्जत की खातिर उसने यह वजह पहले किसी को नहीं बताई।