यह ख़बर 11 जून, 2014 को प्रकाशित हुई थी

व्यास नदी हादसे में 19 अब भी लापता

मंडी:

हिमाचल प्रदेश के मंडी शहर के करीब व्यास नदी की तेज धारा में बह जाने वाले 24 छात्रों में से 19 अब भी लापता हैं। उनकी खोज के लिए अभियान बुधवार को लगातार तीसरे दिन भी जारी है।

अब तक पांच शव बरामद किए जा चुके हैं। अधिकारियों का कहना है कि रविवार शाम हुए हादसे में नदी की तेज धारा में बह जाने वाले छात्रों के बचे होने की संभावना बहुत कम है।

राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) के कमांडिंग अधिकारी जयदीप सिंह ने बताया, नदी में दुर्घटना स्थल से लेकर पंडोह बांध तक खोज अभियान चलाया जा रहा है। एनडीआरएफ के 20 गोताखोरों के साथ-साथ 84 लोगों की टीम इस काम में लगी है।

सेना ने भी 18 गोताखोरों को इस काम में लगाया है। सिंह ने बताया, ऐसा लगता है कि अधिकतर शव नदी की तलहटी में या तो पत्थरों के बीच या बालू में धंस गए हैं। पंडोह बांध के बाहर शवों के बहने की संभावना बहुत कम है। हम बांध के प्रवाह पर निरंतर नजर बनाए हुए हैं। हमें उम्मीद है कि फूले हुए शव गुरुवार या शुक्रवार तक सतह पर आ जाएंगे।

व्यास नदी की तेज धारा की चपेट में आने वाले छात्र हैदराबाद के इंजीनियरिंग कॉलेज वीएनआर विज्ञान ज्योति इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी के थे, जो मनाली घूमने गए थे। 60 से अधिक छात्र और फैकल्टी सदस्य मनाली पहुंचे थे। उनमें से कुछ रविवार शाम नदी किनारे खड़े होकर फोटो ले रहे थे, जब पास की ही एक पनबिजली परियोजना के बांध से छोड़े गए पानी के कारण व्यास नदी की तेज धारा में बह गए।

एक प्रत्यक्षदर्शी के अनुसार, दुर्घटना स्थल के करीब स्थित लारजी पनबिजली परियोजना बांध से बिना किसी पूर्व चेतावनी के छोड़े गए पानी के कारण नदी का जल स्तर अचानक बढ़ गया। राज्य सरकार ने इस घटना की जांच और इसमें लापरवाही के लिए दोषी के खिलाफ कार्रवाई के आदेश दिए हैं।

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तेलंगाना के गृह मंत्री नयनी नरसिम्हा रेड्डी लापता छात्रों के अभिभावकों तथा परिवार के सदस्यों के साथ पिछले तीन दिन से यहां डेरा डाले हुए हैं। दुर्घटना स्थल राज्य की राजधानी शिमला से करीब 200 किलोमीटर दूर और कुल्लू तथा मंडी जिलों की सीमा पर है।