यह ख़बर 20 सितंबर, 2011 को प्रकाशित हुई थी

भूकम्प से गई 47 जानें, बारिश से राहत में बाधा

खास बातें

  • देश के पूर्वोत्तर में आए भूकम्प में मरने वालों की संख्या 47 हो गई। सिक्किम में 35, प. बंगाल में 10 और बिहार में दो लोगों की मौत हुई।
गंगटोक/नई दिल्ली:

देश के पूर्वी और उत्तरी हिस्सों में रविवार शाम आए भूकम्प में मरने वालों की संख्या 47 हो गई है। सिक्किम में 35, पश्चिम बंगाल में 10 और बिहार में दो लोगों की भूकम्प से मौत हो गई। भूस्खलन तथा खराब मौसम के कारण राहत कार्य में बाधा आ रही है, जिससे मरने वालों की संख्या और बढ़ने की आशंका जताई जा रही है। भूकम्प की तीव्रता रिक्टर पैमाने पर 6.8 मापी गई थी, जिसका केंद्र सिक्किम और पड़ोसी देश नेपाल की सीमा पर था। यही वजह है कि सिक्किम में सबसे अधिक तबाही हुई है। मृतकों में 35 केवल सिक्किम के हैं, जबकि यहां 200 से अधिक लोग घायल हुए, 25 पुल में दरारें आ गईं और कई इमारतों को नुकसान हुआ। केंद्रीय गृह सचिव आरके सिंह ने दिल्ली में संवाददाताओं से बातचीत में सोमवार शाम देशभर में भूकम्प से मरने वालों की संख्या हालांकि 42 बताई। उन्होंने साथ ही कहा कि सुदूर पहड़ी इलाकों की सूचना अभी पूरी नहीं मिल पाई है ऐसे में मृतकों की संख्या बढ़ सकती है। प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने सोमवार को भूकम्प में जान गंवाने वालों के परिजनों को प्रधानमंत्री राहत कोष से दो-दो लाख रुपये देने की घोषणा की, जबकि गम्भीर रूप से जख्मी लोगों को एक-एक लाख रुपये दिए जाएंगे। प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से सोमवार को जारी बयान के अनुसार "प्रधानमंत्री सिक्किम और आसपास के राज्यों में भूकम्प के कारण हुई जानमाल की क्षति से दु:खी हैं।" सिक्किम की राजधानी गंगटोक स्थित केंद्रीय नियंत्रण कक्ष के एक अधिकारी ने भी कहा, "मरने वालों की संख्या बढ़ सकती है, क्योंकि दूर-दराज के क्षेत्रों से हमें बड़े पैमाने पर क्षति और नुकसान की खबर मिली है।" भूकम्प के बाद भूस्खलन और खराब मौसम के कारण राहत एवं बचाव कार्य में भी बाधा आ रही है। खराब मौसम के कारण दिल्ली और कोलकाता से रवाना हुए 10 राहत दल तथा चिकित्सकों का एक दल अब तक प्रभावित इलाकों में नहीं पहुंच सका है। वे प्रभावित इलाकों में पहुंचने के लिए अब भी संघर्ष कर रहे हैं। मौसम विज्ञान अधिकारियों ने चेतावनी दी है कि भारी बारिश के कारण दार्जिलिंग के पहाड़ी इलाकों में और भी भूस्खलन हो सकता है। भूकम्प के और भी झटके आ सकते हैं। सिक्किम के सूचना मंत्री सीबी कारकी ने भी कहा, "इस वक्त सबसे बड़ी चुनौती राहत कर्मियों को प्रभावित क्षेत्रों तक पहुंचाने की है, जहां पिछले दो दिनों से लगातार बारिश हो रही है। मृतकों की संख्या बढ़ सकती है, क्योंकि दूर-दराज के क्षेत्रों से हमें मरने वालों और घायलों की सूचना मिल रही है। संचार सुविधाएं प्रभावित हुई हैं, जिसके कारण सुदूर क्षेत्रों में सम्पर्क नहीं हो पा रहा है।" जिला मजिस्ट्रेट (सिक्किम पूर्व) जी. आनंदन ने बताया कि राष्ट्रीय राजमार्ग 31-ए बाधित हो जाने से सिक्किम का सम्पर्क देश के शेष भागों से कट गया है। राजमार्ग पर कम से कम आठ स्थानों पर भारी भूस्खलन हुआ है। 120 किलोमीटर लम्बे राष्ट्रीय राजमार्ग 31-ए पर कंक्रीट से बने कम से कम 25 पुल क्षतिग्रस्त हो गए हैं। राहत एवं बचाव कार्य के लिए सेना के जवानों की मदद ली जा रही है। सेना की करीब 50 टुकड़ियों के छोटे-छोटे दलों को सिक्किम, सिलीगुड़ी, बिनागुड़ी और गंगटोक के आसपास स्थानीय इकाइयों में तैनात कर दिया गया है। सीमा सड़क संगठन को भी राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 31-ए पर यातायात सामान्य करने के काम में लगाया गया है। वायु सेना ने भी राहत सामग्री और बचाव कर्मियों के साथ पांच मालवाहक विमान पूर्वोत्तर भेजे हैं। राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) के एक अधिकारी ने दिल्ली में कहा, "राहत दल अब तक भूकम्प प्रभावित क्षेत्र में नहीं पहुंच पाए हैं।" दिल्ली से रवाना हुए पांच दलों में 176 बचावकर्मी, 21 अनुभाग अधिकारी, पांच चिकित्सा अधिकारी हैं। ये रविवार रात आठ बजे रवाना हुए थे। कोलकाता से आए दलों में 181 बचाव अधिकारी, 15 अनुभाग अधिकारी और एक चिकित्सा अधिकारी शामिल हैं। इस बीच, भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) ने सोमवार को कहा कि रविवार के भूकम्प के बाद सिक्किम में 400 से अधिक लोगों को बचाया गया, जिनमें पर्यटक भी शामिल हैं। पश्चिम बंगाल में 10 लोगों की मौत हो गई जबकि बिहार में दो लोगों की मौत हुई और कई स्थानों पर मकान ढह गए। अपुष्ट सूत्रों ने हालांकि बिहार में मरने वालों की संख्या छह बताई है। पश्चिम बंगाल अधिकारियों के अनुसार, कलिंपोंग में चार और सिलीगुड़ी, कुर्सियांग में एक-एक व्यक्ति की मौत हो गई। सिलीगुड़ी में एक व्यक्ति की मौत भूकम्प के बाद हृदयाघात से हो गई। जलपाईगुड़ी जिले के मालबाजार में चाय बगान के एक मजदूर की मौत हो गई, जबकि उत्तरी दिनाजपुर में दो लोगों की मौत की खबर है। पश्चिम बंगाल में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मृतकों के परिजनों के लिए दो-दो लाख रुपये और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मृतकों के परिजनों को डेढ़-डेढ़ लाख रुपये मुख्यमंत्री राहत कोष से देने की घोषणा की। आपदा प्रबंधन विभाग को क्षति की समीक्षा करने के निर्देश दिए गए हैं। इस भूकम्प के महज 12 घंटे बाद सोमवार तड़के महाराष्ट्र में भूकम्प के झटके महसूस किए गए। भूकम्प की तीव्रता रिक्टर पैमाने पर 3.9 मापी गई।


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