यह ख़बर 21 अप्रैल, 2011 को प्रकाशित हुई थी

'शांति भूषण से जुड़ी सीडी सही है'

खास बातें

  • दिल्ली की फोरेंसिक लैब की रिपोर्ट के मुताबिक उस सीडी के साथ छेड़छाड़ नहीं हुई है, जिसमें कथित तौर पर शांति भूषण और मुलायम की बातचीत है।
New Delhi:

लोकपाल ड्राफ्टिंग कमेटी के को−चेयरमैन और पूर्व कानूनमंत्री शांति भूषण की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। दिल्ली की एक फोरेंसिक लैबोरेटरी ने दिल्ली पुलिस को जो रिपोर्ट सौंपी है, उसके मुताबिक उस सीडी के साथ कोई छेड़छाड़ नहीं हुई है, जिसमें कथित तौर पर शांति भूषण और समाजवादी पार्टी अध्यक्ष मुलायम सिंह की बातचीत रिकॉर्ड है। सेंट्रल फोरेंसिक साइंस लेबोरेटरी− सीएफएसएल ने जांच के बाद ये नतीजा निकाला है कि सीडी बिल्कुल ठीक है और उसके साथ कोई छेड़छाड़ नहीं की गई है। रिपोर्ट का हवाला देते हुए सूत्रों ने बताया कि ऐसा प्रतीत नहीं होता कि सीडी के साथ छेड़छाड़ की गई है और इसमें मौजूद बातचीत में निरंतरता बनी हुई है। सूत्रों ने बताया कि रिकॉर्ड की गई बातचीत में निरंतरता बनी हुई है और पता चलता है कि बोले जा रहे शब्दों में अचानक कोई परिवर्तन नहीं हुआ है। सीडी और इसकी बातचीत को जांच के लिए प्रयोगशाला में दिए जाने से पहले शिकायतकर्ता शांति भूषण को दिखाया गया था, जो लोकपाल विधेयक का प्रारूप तैयार करने वाली संयुक्त समिति के सह-अध्यक्ष हैं। इस बीच, दिल्ली पुलिस के प्रवक्ता राजन भगत ने कहा कि यह मामला जांच के लिए विशेष प्रकोष्ठ के पास भेज दिया गया है। दिल्ली पुलिस को शांति भूषण ने इस सीडी की एक प्रति मुहैया कराई थी। सोमवार को दिल्ली पुलिस ने फॉरेंसिक विश्लेषण के लिए यह सीडी सीएफएसएल को दे दी थी। इस बीच, लोकपाल बिल को ड्राफ्ट करने वाली कमेटी के सदस्य जस्टिस संतोष हेगड़े ने कहा है कि अगर सीडी सही है, तो ये बात गंभीर है और इस बारे में वह सोसायटी के बाकी सदस्यों से बातचीत करेंगे। इधर, आरटीआई कार्यकर्ता और ड्राफ्टिंग कमेटी के सदस्य अरविंद केजरीवाल ने कहा है कि उनका इस पूरे विवाद से कोई लेना-देना नहीं है। उन्होंने कहा कि ये शांति भूषण और प्रशांत भूषण का मामला है। अरविंद केजरीवाल गुरुवार सुबह शांति भूषण के घर गए थे। इस पर उन्होंने कहा कि वह लोकपाल बिल पर कुछ चर्चा करने गए थे। कुछ दिन पहले मीडिया में आई इस सीडी में शांति भूषण, समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव और अमर सिंह के साथ एक कानूनी मामले को मैनेज करने की बात कर रहे हैं। सिर्फ सीडी ही नहीं जमीन को लेकर एक विवाद भी शांति भूषण का पीछा नहीं छोड़ रहा। लोकपाल ड्राफ्टिंग कमेटी के एक अन्य सदस्य और पूर्व जस्टिस संतोष हेगड़े ने कहा है कि अगर ये विवाद पहले सामने आया होता, तो शायद शांति भूषण ड्राफ्टिंग कमेटी में शामिल नहीं किए जाते। 'इंडियन एक्सप्रेस' में छपी खबर के मुताबिक अन्ना हजारे या फिर उन्हें सलाह देने वाले लोग शायद शांति भूषण को कमेटी में शामिल नहीं करते। हालांकि एनडीटीवी इंडिया से बातचीत में जस्टिस हेगड़े ने कहा कि शांति भूषण के रहने से ड्राफ्टिंग कमेटी के कामकाज पर कोई असर नहीं पड़ने वाला, ये अलग बात है कि नैतिक आधार पर कहा जा सकता है कि उन्हें शुरू से ही कमेटी से बाहर रखना चाहिए था।


Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com