यह ख़बर 06 जुलाई, 2012 को प्रकाशित हुई थी

मायावती को मिली राहत, सपा ने सीबीआई की हार बताया

खास बातें

  • सर्वोच्च न्यायालय ने उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती को एक बड़ी राहत देते हुए उनके खिलाफ ताज कॉरिडोर व आय से अधिक सम्पत्ति के मामले में सीबीआई की जांच रद्द कर दी। इससे बसपा कार्यकर्ताओं में जहां खुशी की लहर दौड़ गई, वहीं सपा ने इसे सीबीआई की हार
नई दिल्ली:

सर्वोच्च न्यायालय ने उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती को एक बड़ी राहत देते हुए उनके खिलाफ ताज कॉरिडोर व आय से अधिक सम्पत्ति के मामले में शुक्रवार को केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की जांच रद्द कर दी। इससे बसपा कार्यकर्ताओं में जहां खुशी की लहर दौड़ गई, वहीं समाजवादी पार्टी (सपा) ने इसे सीबीआई की हार बताया।

राहत मिलने से खुश बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने कहा कि वह इस फैसले का सम्मान करती हैं।

न्यायमूर्ति पी. सथसिवम की अध्यक्षता वाली सर्वोच्च न्यायालय की खंडपीठ ने मायावती के खिलाफ सीबीआई की प्राथमिकी (एफआईआर) रद्द करते हुए कहा कि आय से अधिक सम्पत्ति मामले में मायावती के खिलाफ दर्ज एक और एफआईआर अवैध है। यह सीबीआई के अधिकार क्षेत्र में नहीं आता। उसने अपने अधिकार क्षेत्र का उल्लंघन कर ऐसा किया है। यह गैर-कानूनी है।

न्यायमूर्ति सथसिवम ने कहा, "सर्वोच्च न्यायालय मौलिक अधिकारों का संरक्षक होने के नाते याचिकाकर्ता (मायावती) के खिलाफ इस तरह की जांच के आदेश नहीं दे सकता।"

वहीं, न्यायालय के फैसले से बसपा कार्यकर्ताओं में खुशी की लहर दौड़ गई। पार्टी कार्यकर्ताओं को बसपा कार्यालय में लम्बे समय बाद कोई जश्न मनाते देखा गया। कार्यकर्ताओं ने दिल खोलकर मिठाइयां बांटी। मायावती ने भी अपने कार्यकर्ताओं का शुक्रिया अदा किया।

सर्वोच्च न्यायलय का फैसला आने के तुरंत बाद ही बसपा के कई बड़े नेता मायावती से मिलने उनके आवास पर पहुंचे। इनमें बसपा के प्रदेश अध्यक्ष स्वामी प्रसाद मौर्य, बसपा शासनकाल में कद्दावर मंत्री रहे नसीमुद्दीन सिद्दिकी भी शामिल थे। मायावती ने समर्थकों का शुक्रिया अदा करते हुए कहा कि वह सर्वोच्च न्यायालय के फैसले का दिल से सम्मान करती हैं।

एक संवाददाता सम्मेलन में मायावती ने कहा, "सर्वोच्च न्यायालय के इस फैसले का दिल से स्वागत करती हूं। मुश्किल दौर में भी पार्टी के समर्थकों ने मेरा साथ नहीं छोड़ा, इसलिए मैं उनकी भी शुक्रगुजार हूं। मैं बाबा साहब अम्बेडकर के पदचिह्नें पर चलने वाली महिला हूं। बाबा साहब मुश्किल वक्त में भी धैर्य का परिचय देते थे। उसी तरह हमने भी डटकर इस मुश्किल का सामना किया।" उन्होंने कहा, "सर्वोच्च न्यायालय का फैसला विरोधियों के मुंह पर एक तमाचा है। मैं अपने समर्थकों से कहना चाहती हूं कि वे इसी तरह हमेशा मेरे साथ खड़े रहें और मैं भी उनकी सेवा करती रहूंगी।"

मायावती ने अपने समर्थकों के साथ ही पार्टी के महासचिव और राज्यसभा सांसद सतीश चंद्र मिश्र और हरीश साल्वे का भी आभार व्यक्त किया।

मायावाती को राहत मिलने पर सपा ने प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि ऐसा सीबीआई की 'तकनीकी खामियों' के कारण हुआ।

सपा के नेता शाहिद सिद्दिकी ने कहा, "यह मायावती की जीत नहीं, बल्कि सीबीआई की हार है, क्योंकि जांच एजेंसी ने तकनीकी खामियां की। सीबीआई को ताज कॉरीडोर मामले में अनियमितताओं की जांच करनी थी, लेकिन इसने मायावती की सम्पत्ति के खिलाफ जांच शुरू की।"

सिद्दिकी ने कहा, "अब इन सवालों के जवाब तलाशने की जरूरत है कि सीबीआई ने मायावती को जानबूझकर बचाया या यह एक सामान्य गलती थी।"

केंद्रीय कानून मंत्री सलमान खुर्शीद ने न्यायालय के निर्णय को 'सर्वोच्च आदेश' करार दिया, लेकिन यह कहते हुए इस पर प्रतिक्रिया व्यक्त करने से इनकार कर दिया कि उन्होंने अभी इसे पढ़ा नहीं है।

वहीं, केंद्रीय पर्यटन मंत्री सुबोध कांत सहाय ने कहा, "लोग न्यायलय के निर्णय को लाभप्रद या नुकसानदेह होने के पहलुओं से सोच सकते हैं, लेकिन तथ्य यह है कि हमें इसका सम्मान करना होगा।"

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने मायावती के खिलाफ साजिश रचने के आरोपों को खारिज कर दिया।

भाजपा नेता मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा, "बसपा द्वारा लगाए गए आरोप सही नहीं है। वर्ष 2003 में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) की सरकार कुछ महीने के लिए ही बनी थी। तब से पिछले आठ सालों से संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) की सरकार है, जिसे मायावती समर्थन दे रही हैं।"

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बसपा का आरोप है कि आय से अधिक सम्पत्ति के मामले में मायावती के खिलाफ आरोप वर्ष 2003 की भाजपा नेतृत्व वाली राजग सरकार की साजिश हैं।