यह ख़बर 02 अगस्त, 2014 को प्रकाशित हुई थी

कोसी नदी में बाढ़ के खतरे को देखते हुए बिहार में हाई अलर्ट

नई दिल्ली:

नेपाल में भूस्खलन के कारण कोसी नदी के जलस्तर में वृद्धि से भारी तबाही का खतरा पैदा हो गया है। बाढ़ के खतरे के मद्देनजर राज्य सरकार ने इस नदी के तटीय भागों में पड़ने वाले सभी जिलों के पुलिस एवं प्रशासन को हाईअलर्ट कर दिया है और आपात स्थिति से निपटने के लिए सेना से मदद मांगी है।

आपदा प्रबंधन विभाग के प्रधानसचिव व्यास जी ने बताया कि कोसी नदी इलाके में पड़ने वाले सभी आठों जिलों में तटबंध के भीतर रहने वाली करीब 1.5 लाख आबादी को सुरक्षित ठिकानों पर पहुंचाने के लिए पुलिस एवं प्रशासन को लगाया गया है।

बिहार-नेपाल सीमा से करीब 260 किलोमीटर दूर नेपाल भाग में कोसी नदी के जलग्रहण क्षेत्र अंतर्गत भोटे कोसी नदी में सिंधु पाल जिले के तहत खदी चौर के समीप बीती रात्रि अचानक भू-स्खलन और उसके कारण काफी मात्रा में पानी रूके होने की सूचना है।

व्यास जी ने बताया कि भू-स्खलन वाले स्थान पर हम लोगों ने अभियंताओं और अधिकारियों का दल रवाना किया है, जो भू-स्खलन के कारण भोटे कोसी नदी में जमा हो गए मलबे को हटाने के लिए नेपाल सेना के विस्फोट किए जाने पर तुरंत उसकी सूचना देगा।

उन्होंने बताया कि सेना को सतर्क करने के साथ सुपौल, मधेपुरा और सहरसा जिलों में तैनात किए गए एनडीआरएफ और एसडीआरएफ के आठ दलों को मदद करने के लिए केंद्र द्वारा कोलकाता से एनडीआरएफ के सात अतिरिक्त दल भेजे गए हैं।

संकट की यह स्थिति ऐसे समय उत्पन्न हुई है जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने दो दिवसीय दौरे पर कल नेपाल जाने वाले हैं।

व्यास जी ने बताया कि केंद्रीय जल आयोग के आंकलन के मुताबिक भूस्खलन वाले स्थान पर भोटे कोसी नदी में करीब 14 लाख क्यूसेक पानी जमा हो गया है, जबकि राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकार को नेपाल स्थित भारतीय दूतावास ने भूस्खलन स्थल पर 25 लाख क्यूसेक पानी के जमा होने की सूचना दी है। उन्होंने कहा कि उन्होंने नेपाल सरकार से भूस्खलन के बाद नदी में गिरे भारी मलबे को विस्फोट कर हटाए जाने के बजाय उसमें छेदकर जमा पानी को प्रवाहित करने का अनुरोध किया है ताकि अचानक आने वाली बाढ़ से बचा जा सके।

बिहार सरकार वर्ष 2008 में नेपाल के कुसहा के समीप कोसी नदी के तटबंध टूटने के कारण आई प्रलयंकारी बाढ़ जैसी स्थिति से बचना चाहती है।

गौरतलब है कि भारत-नेपाल सीमा स्थित कुसहा बांध के समीप 18 अगस्त 2008 को कोसी नदी का तटबंध टूटने से आई प्रलयंकारी बाढ़ के कारण उत्तर बिहार के पांच जिलों में 250 लोगों की मौत हो गई थी, तीस लाख लोग बेघर हो गए थे तथा 8.40 हेक्टेयर में खड़ी फसल बर्बाद हो गई थी।

बिहार के जल संसाधन मंत्री विजय कुमार चौधरी ने बताया कि नेपाल प्रशासन द्वारा भूस्खलन बाद जमा मलबे को हटाने की स्थिति में कोसी नदी के जल बहाव एवं जल स्तर में वीरपुर बराज पर अत्यधिक वृद्धि होने की आशंका है।

चौधरी ने बताया कि नेपाल सरकार द्वारा आज सुबह सूचित किया गया है कि भूस्खलन के कारण कोसी नदी में दस मीटर की उंचाई तक पानी का प्रवाह होगा, जिससे कोसी तटबंध के आसपास बसे लोग प्रभावित होंगे।

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चौधरी ने कहा कि संबंधित विभागीय अभियंताओं से अपने तटबंधों की सुरक्षा पूरी मुस्तैदी से करने और ऐहतियाती कार्रवाई तहत सभी बराज के गेट खोल दिए गए हैं, ताकि कोसी नदी का जलस्तर अधिक से अधिक नीचे चला जाए और पानी का बाहरी इलाके में फैलाव और बाढ़ के रूप में असर कम से कम हो।