उच्च न्यायालयों में वाणिज्यिक पीठों की स्थापना के लिए लोकसभा में बिल पेश

उच्च न्यायालयों में वाणिज्यिक पीठों की स्थापना के लिए लोकसभा में बिल पेश

प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर

नई दिल्ली:

भारी धनराशि वाले वाणिज्यिक विवादों के निपटाने के लिए चुनिंदा उच्च न्यायालयों में वाणिज्यिक पीठों की स्थापना के मकसद से लोकसभा में सोमवार को एक विधेयक पेश किया गया। अक्तूबर में सरकार ने ‘वाणिज्यिक न्यायालय, उच्च न्यायालय वाणिज्यिक प्रभाग और वाणिज्यिक अपील प्रभाग अध्यादेश 2015’ लागू किया था। उस समय इस संबंध में एक विधेयक संसद की स्थाई समिति के पास लंबित था।

भारत में कारोबार करने से हिचकिचाती हैं विदेशी कंपनियां
विधि मंत्री सदानंद गौड़ा द्वारा पेश किया गया विधेयक इस अध्यादेश का स्थान लेगा। ‘वाणिज्यिक न्यायालय, उच्च न्यायालय वाणिज्यिक प्रभाग और वाणिज्यिक अपील प्रभाग अध्यादेश 2015’ सरकार की भारी मात्रा में विदेशी निवेश जुटाने की इच्छा की पृष्ठभूमि में लाया गया है। सालों तक चलने वाले कानूनी मुकदमों के कारण कुछ विदेशी कंपनियां भारत में कारोबार करने से हिचकिचाती हैं।

इन उच्च न्यायालयों में की जाएंगी वाणिज्यिक अदालतों की स्थापना
23 अक्तूबर को अध्यादेश के लागू होने के बाद से ही उच्च न्यायालयों और दीवानी अदालतों में लंबित एक करोड़ रुपये या उससे ऊपर की राशि के सभी लंबित वाणिज्यिक विवाद और आवेदन संबंधित वाणिज्यिक प्रभागों या वाणिज्यिक अदालतों को स्थानांतरित कर दिए गए थे। वाणिज्यिक अदालतों की स्थापना दिल्ली, मुंबई, कोलकत्ता, मद्रास तथा हिमाचल प्रदेश के उच्च न्यायालयों में की जाएंगी। वाणिज्यिक अदालतों का दर्जा जिला अदालतों के बराबर का होगा।

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