येचुरी की ताजपोशी में विमान बोस का रोल

विमान बोस की फाइल फोटो

विशाखापट्टनम:

सीताराम येचुरी रविवार को सीपीएम महासचिव तो जरूर बन गए, लेकिन उनकी ताजपोशी में बंगाल के पोलित ब्यूरो सदस्य विमान बोस का रोल खासा अहम रहा।

असल में, येचुरी के अलावा सीपीएम के वरिष्ठ नेता एस आर पिल्लई का नाम भी महासचिव पद के लिए चल रहा था। सीपीएम की केरल कमेटी के कई नेता पिल्लई के नाम को आगे बढ़ाने की कोशिश कर रहे थे, जिनमें राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री वीएस अच्युतानंदन के धुर विरोधी पी. विजयन सबसे आगे थे।

दरअसल येचुरी अच्युतानंदन के पक्ष में खड़े होते रहे हैं, जबकि दूसरी ओर करात और पिल्लई विजयन के पक्षधर रहे हैं। ऐसे में प्रकाश करात के ऊपर भी पिल्लई के नाम को आगे बढ़ाने का काफी दबाव था। इसी वजह से शनिवार देर शाम तक चली बैठक में कोई फैसला नहीं हो पाया।

जब केरल गुट पिल्लई के नाम को आगे करने में जोरशोर से जुटा था, तब विमान बोस ने करात से कहा कि वह इस मामले में सीपीएम की नई चुनी जा रही सेंट्रल कमेटी के सदस्य से बात करें। उस वक्त तनाव इतना अधिक था कि अगर पिल्लई का नाम बढ़ाया जाता, तो चुनाव के लिए वोटिंग की नौबत आ सकती थी।

सेंट्रल कमेटी के सदस्यों से बात करात को एहसास हो गया कि येचुरी के पक्ष में लोग ज्यादा हैं। इसके बाद पिल्लई से बात कर करात ने खुद ही रविवार को नई सेंट्रल कमेटी में येचुरी का नाम महासचिव पद के लिए प्रस्तावित किया, जिसका अनुमोदन एसआर पिल्लई ने किया।

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पिछले कई दिनों से विशाखापट्टनम में येचुरी और बोस साथ-साथ घूमते देखे गए। एनडीटीवी ने जब विमान बोस से पूछा कि येचुरी की ताजपोशी को लेकर पार्टी के भीतर उभरे तनाव को खत्म करने में आपकी भूमिका की हर ओर चर्चा हो रही है, तब उन्होंने कहा कि किसी तरह का कोई तनाव नहीं था। हालांकि साथ ही वह हंसते हुए यह जरूर बोले कि कभी कभी ऐसे मौके आ जाते हैं।