बीजेपी के 'सीडी' दावे के बाद, हरीश रावत के निजी सचिव सस्पेंड

बीजेपी के 'सीडी' दावे के बाद, हरीश रावत के निजी सचिव सस्पेंड

हरीश रावत की फाइल तस्वीर

नई दिल्ली:

अपने तीन मंत्रियों द्वारा भ्रष्टाचार के आरोप झेल रही भारतीय जनता पार्टी ने दावा किया है कि उनके हाथ एक ऐसा स्टिंग का ऑडियो टेप लगा है जिसमें उत्तराखंड की कांग्रेस सरकार की नाक के नीचे आबकारी घोटाला की जानकारी सामने आयी है।

बीजेपी ने इस घोटाले का हवाला देते हुए उत्तराखंड के मुख़्यमंत्री हरीश रावत के इस्तीफ़े की मांग की है। बीजेपी प्रवक्ता निर्मला सीतारमन ने कहा,  'उत्तराखंड के मुख़्यमंत्री और उनके निजी सचिव वहाँ आयी बाढ़ के दौरान एक शराब घोटाला और शराब की लूट में शामिल थे।' उत्तराखंड में साल 2013 में भयंकर बाढ़ आयी थी जिसकी चपेट में आकर कम से कम से छह हज़ार लोगों की मौत हो गई थी और हज़ारों लोग वहाँ फंसे थे।     

इस आरोप के जवाब में हरीश रावत ने एनडीटीवी से कहा,  'हमें ये देखने की ज़रुरत है कि ये स्टिंग असली है भी या नहीं।'

बीजेपी के अनुसार,  'इस स्टिंग में हरीश रावत के निजी सचिव को राज्य की आबकारी नीति में बदलाव करने लिए रिश्वत की रकम तय करते हुए दिखाया गया है।'

नीति में बदलाव नहीं
हालांकि, हरीश रावत का कहना है 'राज्य की आबकारी नीति कैबिनेट तय करती है और हम लोगों ने किसी भी निजी पार्टी को कोई लाईसेंस जारी नहीं किया है। राज्य में शराब लाईसेंस नीति में किसी तरह का कोई बदलाव नहीं किया गया है। जब हमने नीति में किसी तरह का बदलाव नहीं किया है तो बीजेपी हम पर आरोप कैसे लगा सकती है?'  

लेकिन इसके ठीक एक घंटे के बाद उनके निजी सचिव मो.शाहिद को सस्पेंड कर दिया गया। कांग्रेस के मुताबिक शाहिद के ख़िलाफ़ 60 दिनों में जांच पूरी कर ली जाएगी।

संसद में, भ्रष्टाचार के मुद्दे पर बीजेपी की नेतृत्व वाली केंद्र सरकार पर विपक्ष लगातार हमले कर रहा है। विपक्ष मोदी सरकार से केंद्रीय मंत्री सुषमा स्वराज, राजस्थान की मुख़्यमंत्री वसुंधरा राजे का नाम ललित गेट में आने पर और व्यापमं घोटाला मामले में चौतरफ़ा घिरे मध्यप्रदेश के मुख़्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का इस्तीफ़ा मांग रही है।

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कांग्रेस पार्टी का कहना है कि जब तक इन तीनों नेताओं का इस्तीफ़ा नहीं आता है वे संसद की कार्यवाही चलने नहीं देंगे।  
 
लेकिन केंद्र ने इन तीनों बड़े नेताओं के इस्तीफ़े से साफ़ तौर पर इंकार कर दिया है और इसका सीधा असर संसद की कार्यवाही पर पड़ रहा है जो मॉनसून सत्र के दूसरे दिन भी लगातार स्थगित रहा।