यह ख़बर 07 मई, 2012 को प्रकाशित हुई थी

राजस्थान में भाजपा का संकट और गहराया

खास बातें

  • भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की राजस्थान इकाई में संकट के बादल गहराते जा रहे हैं। पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के समर्थकों ने उन्हें प्रदेश अध्यक्ष बनाए जाने की मांग की है ताकि अगले विधानसभा चुनाव में वह पार्टी का नेतृत्व कर सके।
जयपुर:

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की राजस्थान इकाई में संकट के बादल गहराते जा रहे हैं। पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के समर्थकों ने उन्हें प्रदेश अध्यक्ष बनाए जाने की मांग की है ताकि अगले विधानसभा चुनाव में वह पार्टी का नेतृत्व कर सके। वसुंधरा समर्थकों ने साथ ही वर्तमान प्रदेश अध्यक्ष और केंद्रीय प्रभारी को भी हटाए जाने की मांग की है।

केंद्र के साथ-साथ प्रदेश के नेता इसे घर का संकट बता रहे हैं और कह रहे हैं कि इसे सुलझा लिया जाएगा जबकि सूत्रों का दावा है कि वसुंधरा समर्थक 60 विधायकों ने अपना इस्तीफा उन्हें सौंप दिया है।

सोमवार को राजे समर्थकों ने प्रदेश अध्यक्ष अरुण चतुर्वेदी और केंद्रीय प्रभारी कप्तान सिंह सोलंकी को हटाने की मांग कर केंद्रीय नेतृत्व की पेशानी पर बल ला दिया।

पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने बताया, "राजे के समर्थन में इस्तीफा देने वाले विधायकों ने मांग की है कि उन्हें प्रदेश इकाई का अध्यक्ष बनाया जाए। साथ ही केंद्रीय नेतृत्व से आश्वासन मांगा गया है कि अगले विधानसभा चुनाव में राजे को मुख्यमंत्री के उम्मीदवार के रूप में घोषित किया जाए।"

राजस्थान इकाई में नेतृत्व को लेकर कलह शनिवार को उस समय सतह पर आ गया जब राजे ने प्रदेश इकाई के वरिष्ठ नेता गुलाब चंद कटारिया की प्रस्तावित 'लोक जागरण यात्रा' से नाराज होकर पार्टी छोड़ने तक की चेतावनी दे डाली।

शनिवार को पार्टी की कोर कमेटी की बैठक में वसुंधरा ने इस्तीफे की चेतावनी देते हुए बैठक बीच में ही छोड़ चल दी थी। इन विधायकों ने अपने इस्तीफे हालांकि विधानसभा अध्यक्ष को न सौंपकर वसुंधरा को सौंपे हैं।

इस्तीफे की खबरों के बाद जयपुर से दिल्ली तक पार्टी में हड़कंप मच गया। सूत्रों के मुताबिक इसके बाद अध्यक्ष नितिन गडकरी और अरुण जेटली ने खुद वसुंधरा से फोन पर बातचीत की और मामले को सुलझाने का प्रयास किया।

पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने नाम न छापने की शर्त पर कहा, "कालीचरण सर्राफ, दिगम्बर सिंह, ज्ञान देव आहूजा, रोहिताश्व शर्मा, अशोक परनामी और मोहनलाल गुप्ता सहित 60 विधायकों ने दोपहर तक राजे को अपना इस्तीफा सौंप दिया था। इन विधायकों ने वसुंधरा के साथ जयपुर में कई बैठकें की।"

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इस बीच ऐसी चर्चा है कि पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व ने मौजूदा विवाद के निपटारे के लिए वसुंधरा को सोमवार को दिल्ली तलब किया लेकिन वसुंधरा ने दिल्ली जाने से साफ इनकार दिया।