यह ख़बर 29 जनवरी, 2011 को प्रकाशित हुई थी

'CVC की नियुक्ति पर पीएम ने गुमराह किया'

खास बातें

  • भाजपा ने कहा कि मुख्य सतर्कता आयुक्त की विवादास्पद नियुक्ति पर प्रधानमंत्री झूठ नहीं बोल सकते, लेकिन उन्होंने लोगों को गुमराह किया।
New Delhi:

भाजपा ने शनिवार को कहा कि मुख्य सतर्कता आयुक्त की विवादास्पद नियुक्ति पर प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह झूठ नहीं बोल सकते, लेकिन इस मुद्दे पर उन्होंने लोगों को गुमराह किया। पार्टी ने इस शीर्ष अधिकारी को बर्खास्त करने की मांग की है। पार्टी के प्रवक्ता राजीव प्रताप रूडी ने उच्चतम न्यायालय के समक्ष सॉलीसिटर जनरल द्वारा किए गए दावे को बेहद चौंका देने वाला और आश्चर्यजनक करार दिया। सॉलीसिटर जनरल ने दावा किया था कि केंद्रीय सतर्कता आयुक्त पद पर नियुक्ति करने वाली चयन समिति को पीजे थॉमस की नियुक्ति से पहले उनकी पृष्ठभूमि के बारे में सभी ब्यौरे मुहैया नहीं कराए गए थे। रूडी ने कहा, हम यह नहीं कहेंगे कि प्रधानमंत्री झूठ बोल रहे हैं। निश्चित तौर पर वह झूठ नहीं बोल सकते...यह बेहद दिलचस्प बात है कि हम यह कह रहे हैं कि प्रधानमंत्री झूठ नहीं बोल रहे। हम जानते हैं कि वह झूठ नहीं बोल सकते। उन्होंने पता नहीं किन कारणों के चलते गुमराह करने और गुमराह होने का विकल्प चुना। उन्होंने कहा, इससे प्रधानमंत्री का दोष साबित होता है। साथ ही गृहमंत्री पी चिदंबरम का भी, जो बैठक में मौजूद थे। भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि नए सीवीसी ने इस्तीफा देने से लगभग इनकार कर दिया है तथा सरकार को उन्हें बर्खास्त कर देना चाहिए।रूडी ने आरोप लगाया, उन्होंने (थॉमस ने) सरकार और उनके दूतों के सारे प्रयासों को विफल कर दिया। कुछ ऐसे तथ्य और खुलासे हुए हैं, जो संकेत करते हैं कि उनकी नियुक्ति के लिए एक बड़ी लॉबी काम कर रही है और समिति को इस बात के लिए प्रभावित किया कि उनकी नियुक्ति हो। यहां तक कि महाराष्ट्र के मुख्य सचिव का भी नाम आया। उन्होंने हैरत जताई कि अभी तक किसी ने पूर्व राज्यमंत्री एवं महाराष्ट्र के मौजूदा मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण के नाम का उल्लेख क्यों नहीं किया। लेकिन अब लगता है कि सब स्पष्ट हो रहा है। भाजपा प्रवक्ता ने कहा, हम नहीं जानते कि सरकार कितनी शर्मिंदगी और झेलना पसंद करेगी। क्या सरकार चाहेगी कि सीवीसी को उच्चतम न्यायालय बर्खास्त करे। क्या सरकार इतनी कमजोर और दोषी हो गई है कि उसके पास सीवीसी को बर्खास्त करने का साहस नहीं है। पार्टी दावा कर चुकी है कि विपक्ष की नेता सुषमा स्वराज ने नियुक्ति समिति से स्पष्ट तौर पर कहा था कि थॉमस के खिलाफ केरल पामोलीन आयात विवाद पर अभियोजन अभी तक अदालत में लंबित है। भाजपा ने उम्मीद जताई कि सीवीसी लोकतंत्र के हित में अपने आप तुरंत पद छोड़ देंगे। 'ऐसा नहीं होने पर प्रधानमंत्री को अपने को बेदाग साबित करने और रूख को सही प्रमाणित करने के लिए उन्हें बर्खास्त करने का पर्याप्त साहस जुटाना चाहिए।


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