2019 के लिए बीजेपी में जल्द होंगे बड़े बदलाव, UP विधानसभा चुनाव पर होगा पीएम मोदी का खास ध्यान

2019 के लिए बीजेपी में जल्द होंगे बड़े बदलाव, UP विधानसभा चुनाव पर होगा पीएम मोदी का खास ध्यान

नई दिल्ली:

अभी दो दिन पहले गुरुवार को ही बीजेपी ने असम विधानसभा चुनाव में जबरदस्त जीत दर्ज की है, लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बिल्कुल भी आराम के मूड में नहीं हैं। चार-पांच दिन बाद उनकी सरकार को दो साल पूरे होने जा रहे हैं और पीएम मोदी ने पार्टी के कायापलट या यूं कहें पार्टी में उलटफेर के लिए विचार-विमर्श शुरू कर दिया है। इस जांच और मरम्मत कार्य के रडार पर उनके मंत्रिमंडल से लेकर बीजेपी संगठन और राज्यों के राज्यपाल तक शामिल हैं।

प्रधानमंत्री ने शुक्रवार को बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह और वित्त मंत्री अरुण जेटली के साथ दो घंटे से ज्यादा देर तक मीटिंग की। इस मीटिंग में उन्होंने एक ऐसी टीम बनाने पर विचार-विमर्श शुरू किया जो 2019 के लोकसभा चुनाव के लिए जमीन तैयार करे और पार्टी का नेतृत्व भी करे।

मंत्रिमंडल और पार्टी संगठन में होंगे फेरबदल
सूत्रों के अनुसार प्रधानमंत्री अपने मंत्रिमंडल में फेरबदल कर सकते हैं। मंत्रिमंडल में कुछ नए चेहरों को शामिल किया जा सकता है, कुछ मंत्रियों को बाहर करने के साथ ही कुछ को पार्टी संगठन के कार्य में भी लगाया जा सकता है। इस फेरबदल के साथ राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह को भी उपाध्यक्षों और महासचिवों की नई टीम मिल सकती है।

एक वरिष्ठ मंत्री ने कहा, 'मंत्रिमंडल में कुछ फेरबदल की जरूरत है और दो साल पूरे होने के बाद पीएम मोदी सही-सही आकलन कर सकते हैं कि कौन बेहतर नतीजे दे सकता है और कौन नहीं। इसलिए मंत्रिमंडलीय फेरबदल तो जल्द होगा। जिनमें अच्छा संगठनात्मक कौशल है उन्हें वापस पार्टी संगठन में भेजा जाएगा। अगले तीन साल काफा महत्वपूर्ण हैं।'

अगली बड़ी परीक्षा - उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव
बीजेपी के लिए अगली बड़ी परीक्षा उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव हैं। साल 2014 के आम चुनाव में पार्टी ने इस राज्य की 80 में से 70 से ज्यादा लोकसभा सीटें जीती थीं। अगर 2017 विधानसभा चुनाव में पार्टी यहां अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाती है तो इसका असर अगले लोकसभा चुनाव पर पड़ सकता है और पार्टी को 2019 में फिर से 2014 की जीत दोहराने में मुश्किल पेश आ सकती है।

इसलिए मंत्रिमंडलीय फेरबदल में उत्तर प्रदेश पर ज्यादा ध्यान होगा। सूत्रों के अनुसार उत्तर प्रदेश से कुछ नए चेहरों को मंत्रिमंडल में शामिल किया जा सकता है। उत्तर प्रदेश के लिए रणनीति की तैयारी के कई चरण होंगे।

कांग्रेस की चाल पर उत्तर प्रदेश की रणनीति


हो सकता है, बीजेपी उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में मुख्यमंत्री पद के लिए बिना किसी चेहरे के उतरे। पीएम मोदी के विश्वासपात्र ओम माथुर द्वारा प्रस्तुत एक रिपोर्ट के अनुसार, राज्य को कुछ क्षेत्रों में विभाजित किया जा सकता है और हर क्षेत्र में एक स्थानीय नेता क्षत्रप की तरह काम करे। लेकिन प्रधानमंत्री ऐसी कोई योजना नहीं चाहते, जिसमें उत्तर प्रदेश में कांग्रेस के अगले कदम को शामिल नहीं किया गया हो। अगर मान लिया जाए कि हालिया हारों से तिलमिलाई कांग्रेस ने राज्य में मुख्यमंत्री पद के लिए गांधी परिवार से किसी चेहरे को सामने रख दिया तो बीजेपी भी अपना मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित कर सकती है।

प्रधानमंत्री राज्यों में केंद्र के प्रतिनिधि के तौर पर काम करने वाले राज्यपालों को भी बदल सकते हैं। इस बात की भी संभावना है कि गुजरात की मुख्यमंत्री आनंदी बेन पटेल की जगह किसी अन्य को राज्य की बागडोर थमा दी जाए और उन्हें राज्यपाल बना दिया जाए।

उत्तर प्रदेश के लिए आरएसएस की तैयारी
पार्टी और सरकार के इस मरम्मत कार्य को बीजेपी के वैचारिक संरक्षक आरएसएस द्वारा धार दी जाएगी। असल में आरएसएस तो पूरी तरह से आश्वस्त है कि असम में उनकी रणनीति ने काम किया और उत्तर प्रदेश में भी उनकी बड़ी भूमिका होगी। सूत्रों का कहना है, 'संघ को भी पता है कि उत्तर प्रदेश में जीत जरूरी है।' यही कारण है कि संघ आगामी विधानसभा चुनाव के लिए खास लोगों को वहां नियुक्त करेगा।

हालांकि इस पूरी प्रक्रिया को कब अंजाम दिया जाएगा इस बारे में कुछ भी साफ नहीं हैं, लेकिन सूत्रों का कहना है कि अगले महीने यानी जून में पीएम मोदी कोई बड़ा कदम उठा सकते हैं। यह कदम सिर्फ 2017 के विधानसभा चुनावों को देखकर ही नहीं बल्कि 2019 के आम चुनाव भी उनकी नजर में होंगे।

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