लालू और उनके बेटों के खिलाफ दर्ज केस नीतीश सरकार ने लिया वापस, बीजेपी भड़की

लालू और उनके बेटों के खिलाफ दर्ज केस नीतीश सरकार ने लिया वापस, बीजेपी भड़की

आरजेडी अध्यक्ष लालू प्रसाद और उनके बेटे तथा मंत्री तेजस्वी यादव की फाइल फोटो

पटना:

बिहार सरकार ने राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) अध्यक्ष लालू प्रसाद और उनके बेटे तथा मंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव और तेजप्रताप के खिलाफ आरजेडी के बिहार बंद के दौरान दर्ज किए गए मुकदमे वापस लेने का फैसला किया है। राज्य सरकार के इस फैसले से भड़की भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने इसे हाईकोर्ट की आवमानना बताया है।

बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री और बीजेपी के वरिष्ठ नेता सुशील कुमार मोदी ने कहा कि नीतीश सरकार ने आरजेडी अध्यक्ष लालू प्रसाद समेत 263 लोगों के खिलाफ दर्ज मुकदमा को वापस लेकर पटना हाईकोर्ट की अवमानना की है। मोदी ने कहा कि जब बिहार बंद के मामले में पटना हाईकोर्ट स्वत: संज्ञान लेकर कार्रवाई कर रही है तो नीतीश सरकार को बताना चाहिए कि क्या उसने मुकदमा वापस लेने के पहले हाईकोर्ट से अनुमति ली थी और क्या सरकार उन हजारों मुकदमों को भी वापस लेगी जो विभिन्न सेवा संघों, कर्मचारी संगठनों और नागरिकों की ओर से धरना, प्रदर्शन और सड़क जाम के दौरान उनके खिलाफ किए गए हैं। बीजेपी नेता ने आरेाप लगाया कि राज्य सरकार गठबंधन सहयोगी आरजेडी प्रमुख के दबाव में आकर 'बड़े भाई' को विशेष वरीयता दे रही है।

गौरतलब है कि 27 जुलाई 2015 को आरजेडी ने केंद्र सरकार द्वारा जातिगत जनगणना की रिपोर्ट जारी करने की मांग को लेकर 'बिहार बंद' का आयोजन किया था। इस दौरान पटना के तत्कालीन पुलिस अधीक्षक के आदेश पर कोतवाली थाना में लालू प्रसाद, तेजस्वी, तेज प्रताप सहित 263 लोगों के खिलाफ सरकारी कार्य में बाधा डालने, सरकारी कर्मियों से अभद्र व्यवहार करने, जानबूझकर चोट पहुंचाने के आरोप में प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी। कोतवाली पुलिस ने इस मामले में सभी 263 लोगों के खिलाफ 13 अक्टूबर 2015 को कोर्ट में आरोप पत्र भी दाखिल कर दिया था। इसके बाद, न्यायालय ने आरोपियों को पेश होने के लिए तलब किया था।

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इधर, सरकार की ओर से जिला लोक अभियोजन पदाधिकारी भूपेंद्र नारायण सिंह ने 19 दिसंबर को पटना के मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी की अदालत में एक आवेदन देकर कोतवाली थाना में दर्ज प्राथमिकी संख्या 393/15 को वापस लेने का अनुरोध किया है। आवेदन में कहा गया है कि सरकार उक्त मामले में नामित अभियुक्तों के खिलाफ अभियोजन नहीं चलाना चाहती है।