यह ख़बर 07 सितंबर, 2014 को प्रकाशित हुई थी

दिल्ली में सरकार गठन पर फैसले के लिए बीजेपी संसदीय बोर्ड की बैठक मंगलवार को

बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह (फाइल तस्वीर)

नई दिल्ली:

दिल्ली में सरकार गठन के लिए उपराज्यपाल द्वारा बीजेपी को न्योता दिए जाने की अटकलों के बीच पार्टी संसदीय बोर्ड की मंगलवार को अहम बैठक होने जा रही है, जिसमें सरकार बनाने के बारे में औपचारिक फैसला लिया जाएगा।

सूत्रों के मुताबिक बीजेपी संसदीय बोर्ड दिल्ली में पार्टी के सरकार गठन को मंजूरी दे सकती है। इस बैठक में मुख्यमंत्री का नाम भी तय किया जाएगा। वहीं बीजेपी की केंद्रीय चुनाव समिति हरियाणा विधानसभा चुनाव के लिए उम्मीदवारों को पहली सूची को भी मंजूरी दे सकती है।

केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने शुक्रवार को कहा कि उपराज्यपाल से औपचारिक प्रस्ताव मिलने के बाद इस संबंध में कोई फैसला किया जाएगा। साथ ही उन्होंने दूसरी पार्टियों के विधायकों की खरीद-फरोख्त करके सरकार गठन के किसी भी प्रयास को खारिज कर दिया।

हालांकि किसी के पास इस बात का जवाब नहीं है कि जब बीजेपी के पास 29 विधायक हैं, तो 34 विधायकों के बहुमत के आंकड़े को वह कैसे छू पाएगी। बीजेपी की उम्मीद दो बातों पर टिकी हैं - उपराज्यपाल गुप्त मतदान से सदन का नेता चुनने का निर्देश दें या बहुमत प्रस्ताव पर वोटिंग के दौरान 5 से 6 विधायक सदन से गैर हाजिर रहें।

वहीं दिल्ली में कांग्रेस आज बीजेपी के खिलाफ रैली करने जा रही है। कांग्रेस का कहना है कि दिल्ली में सरकार बनाने के लिए बीजेपी जिस तरह की कोशिशें कर रही है वे असंवैधानिक हैं और इसी के चलते आज आक्रोश रैली का आयोजन किया गया है।

कांग्रेस ने दिल्ली में सरकार बनाने का प्रयास करने के लिए बीजेपी पर हमला करते हुए कहा कि यह दर्शाता है कि बीजेपी नए सिरे से चुनाव कराए जाने से 'डरी' हुई है। कांग्रेस नेता शकील अहमद ने कहा कि अगर संख्या पर गौर किया जाए, तो बीजेपी खरीद-फरोख्त के बिना सरकार नहीं बना सकती है। उन्होंने कहा, उपराज्यपाल वही अनुशंसा करेंगे, जो गृहमंत्री कहेंगे। आखिरकार तभी वह उपराज्यपाल बने रह सकेंगे। उन्होंने गृहमंत्री से लोगों को बताने को कहा कि उन्होंने उपराज्यपाल से इस मामले में क्या करने को कहा है।

उधर, आम आदमी पार्टी (आप) ने शुक्रवार को राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी से गुहार लगाई कि वह उपराज्यपाल नजीब जंग को दिल्ली में सरकार बनाने के लिए बीजेपी को न्योता देने की इजाजत नहीं दें। पार्टी ने दिल्ली विधानसभा तुरंत भंग करने की भी मांग की। 'आप' प्रमुख अरविंद केजरीवाल ने पार्टी के 22 विधायकों के साथ राष्ट्रपति से मुलाकात की और उन्हें एक ज्ञापन सौंपा, जिसमें पार्टी ने कहा कि बीजेपी को सरकार बनाने के लिए बुलाना 'लोकतंत्र की हत्या' होगी।


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