यह ख़बर 18 सितंबर, 2013 को प्रकाशित हुई थी

नरेंद्र मोदी को लेकर यूपी में बीजेपी ने तैयार की बड़ी योजना

फाइल फोटो : नरेंद्र मोदी के साथ अमित शाह

खास बातें

  • उत्तर प्रदेश में पिछले कुछ दिनों में सांप्रदायिक हिंसा की घटनाओं की पृष्ठभूमि में बीजेपी ने वोटों के ध्रुवीकरण की संभावना को भुनाने की योजना बनाई है और पार्टी लोकसभा चुनाव से पहले हिन्दुत्व के अपने चेहरे नरेंद्र मोदी की सेवाओं का जमकर इस्तेमाल करेगी।
नई दिल्ली:

उत्तर प्रदेश में पिछले कुछ दिनों में सांप्रदायिक हिंसा की घटनाओं और खासकर मुजफ्फरनगर के दंगों की पृष्ठभूमि में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने वोटों के ध्रुवीकरण की संभावना को भुनाने की योजना बनाई है और पार्टी लोकसभा चुनाव से पहले हिन्दुत्व के अपने चेहरे नरेंद्र मोदी की सेवाओं का जमकर इस्तेमाल करेगी।

बीजेपी के कोर समूह की मंगलवार को हुई बैठक में प्रदेश के राजनीतिक हालात पर चर्चा हुई, जिसमें प्रदेश के पदाधिकारियों और प्रभारी नेताओं ने भाग लिया। बैठक में मुजफ्फरनगर के दंगों, राजनीतिक उतार-चढ़ाव तथा फायदे-नुकसान पर विस्तार से चर्चा हुई।

बैठक में मौजूद नेताओं ने कहा कि पार्टी इस बात को लेकर एकमत है कि बीजेपी पश्चिम उत्तर प्रदेश में और प्रदेश के अन्य हिस्सों में दंगों की वजह से बने माहौल में फायदा हासिल करेगी। पार्टी को ध्रुवीकरण की स्थिति में लोकसभा चुनाव में पश्चिमी पट्टी में रालोद के समर्थक मानेजाने वाले जाट समुदाय का वोट भी मिलने की उम्मीद है।

एक पार्टी नेता ने कहा, उत्तर प्रदेश में डेढ़ साल पहले सपा सरकार के आने के बाद हुए दंगों के बाद बीजेपी सोशल इंजीनियरिंग पर काम करने का प्रयास करेगी। बैठक की अध्यक्षता बीजेपी अध्यक्ष राजनाथ सिंह ने की, जिसमें पार्टी महासचिव अमित शाह और वरुण गांधी, पार्टी उपाध्यक्ष मुख्तार अब्बास नकवी, विनय कटियार, प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मीकांत वाजपेयी और पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह ने भाग लिया।

सूत्रों ने कहा कि बीजेपी ने प्रदेश को आठ क्षेत्रों में बांटा है, जिनमें पश्चिम, ब्रज, रुहेलखंड, कानपुर, अवध, बुंदेलखंड, गोरखपुर और काशी हैं। नवरात्र के बाद इन सभी क्षेत्रों में पार्टी के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी रैलियां करेंगे। इसके बाद लखनऊ में रैली होगी। जब पार्टी नेताओं से पूछा गया कि क्या बैठक में इस बात पर चर्चा हुई कि कौन कहां से चुनाव लड़ेगा और क्या मोदी खुद प्रदेश में किसी लोकसभा सीट से किस्मत आजमाएंगे, तो उन्होंने कहा कि इस विषय पर चर्चा नहीं हुई। उत्तर प्रदेश के एक वरिष्ठ नेता ने कहा, उत्तर प्रदेश से मोदी के चुनाव लड़ने की खबरें केवल मीडिया में हैं।

मुजफ्फरनगर के दंगों के बाद मुस्लिम समुदाय के सपा सरकार से नाखुश होने के कारण इस समय अल्पसंख्यक समुदाय का वोट विभाजित होता दिखाई दे रहा है और इस तरह की खबरों से बीजेपी उत्साहित है। बीजेपी के सूत्रों के मुताबिक पार्टी को इस बात की उम्मीद है कि अगर सांप्रदायिक ध्रुवीकरण होता है, तो उसे कुछ गैर जाटव दलित वोट मिल सकते हैं। जाटव समुदाय का वोट अब भी बसपा अध्यक्ष मायावती के साथ ही बने रहने की उम्मीद है।

इसी तरह, सांप्रदायिक विभाजन से अन्य पिछड़े वर्गों में से गैर-यादव वोट भी बीजेपी के पक्ष में जा सकता है, क्योंकि यादव समुदाय का अधिकतर वोट अब भी सपा के साथ बने रहने की संभावना है। बीजेपी के एक वरिष्ठ नेता ने कहा, हम 1998 में अविभाजित उत्तर प्रदेश में 85 सीटों में से 58 सीटें जीते थे और हमें 37 प्रतिशत वोट मिला था।

पार्टी सूत्रों के मुताबिक इस बार वह राज्य की 80 लोकसभा सीटों में से करीब 30 सीटें पाने का लक्ष्य रख रही है। हो सकता है कि मोदी उत्तर प्रदेश से किस्मत नहीं आजमाएं, लेकिन राज्य से किस्मत आजमाने वाले या चुनाव प्रचार में शामिल होने वाले कुछ नेता हिन्दुत्ववादी छवि वाले हो सकते हैं। कल्याण सिंह, उमा भारती, विनय कटियार और मुरली मनोहर जोशी लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश से किस्मत आजमाएंगे। ये सभी चेहरे राम मंदिर आंदोलन से जुड़े रहे हैं। कट्टर हिंदुत्व की छवि रखने वाले पार्टी के युवा महासचिव वरुण गांधी भी प्रदेश की सुल्तानपुर सीट से मैदान में उतर सकते हैं।

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पार्टी कोर समूह की दूसरी बैठक अक्टूबर में होने की संभावना है। नेताओं को प्रदेश की 80 लोकसभा सीटों के लिए संभावित उम्मीदवारों की सूची बनाने को कहा गया है। बीजेपी इस बात को लेकर चिंतित भी है कि अगर उत्तर प्रदेश में बसपा और कांग्रेस हाथ मिला लेती हैं, तो वे मुस्लिम और दलित वोट जुटा सकती हैं, जो पार्टी के लिए कठिनाई पैदा करेगा।