यह ख़बर 06 जून, 2014 को प्रकाशित हुई थी

विपक्ष के लिए बीजेपी ने बनाई नई रणनीति, अहम पदों पर बिठाएंगे अलग-अलग दलों के नेता

नई दिल्ली:

लोकसभा की स्पीकर तो चुन ली गईं, क्या डिप्टी स्पीकर का पद मुख्य विपक्षी दल को जाएगा। इसे लेकर स्थिति साफ नहीं है, क्योंकि चाहे डिप्टी स्पीकर का पद हो या फिर नेता विपक्ष या फिर वित्त मामलों की स्थायी समिति। इसके अलावा पीएसी के चैयरमेन का पद भी है। अभी तक ये पद मुख्य विपक्षी दल को मिलते रहे हैं, लेकिन सरकार की मंशा इस बार कुछ हटके है। राज्यसभा में संख्या बल जुटाने के लिए सरकार ये चार अहम पद किसी एक दल को देने की जगह अलग-अलग विपक्षी दलों को दे सकती है।

एनडीए के पास लोकसभा में तो बहुमत है, लेकिन राज्यसभा में एनडीए संख्या बल के मामले में पीछे है। ऐसे में मोदी सरकार ने इस कमजोरी से निपटने के लिए खास रणनीति तैयार की है। मोदी सरकार उन तमाम अहम पदों पर अलग−अलग दलों के नेताओं को बिठा सकती है, जिन पर आमतौर पर सिर्फ मुख्य विपक्षी दल का कब्ज़ा रहा है।

अभी तक चारों अहम पदों यानी नेता विपक्ष, डिप्टी स्पीकर, वित्त मामलों की स्थायी समिति और पीएसी के चेयरमैन पद पर मुख्य विपक्षी दल का नेता ही बैठता आया है।

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सूत्रों से खबर मिल रही है कि नेता विपक्ष का पद 44 सांसदों वाली कांग्रेस को मिल सकता है, लेकिन डिप्टी स्पीकर का पद जयललिता की पार्टी एआईएडीएमके के सांसद थम्बी दुरै को मिल सकता है। इसके अलावा वित्त मामलों की स्थायी समिति या पीएसी के चेयरमैन का पद नवीन पटनायक की पार्टी बीजेडी को मिल सकता है।