यह ख़बर 26 नवंबर, 2014 को प्रकाशित हुई थी

कालेधन के मुद्दे पर कांग्रेस का कार्यस्थगन प्रस्ताव का नोटिस खारिज

काले धन के मुद्दे पर काली छतरी के साथ संसद में विरोध तृणमूल सांसद

नई दिल्ली:

विदेशों में जमा काले धन के मुद्दे पर सदन में चर्चा कराने के कांग्रेस के कार्य स्थगन प्रस्ताव के नोटिस को लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने आज नियमों को बताते हुए खारिज कर दिया।

सुबह बैठक शुरू होने पर सदन में कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि भाजपा की अगुवाई वाली राजग सरकार ने चुनाव से पहले और चुनाव के बाद भी कई मौकों पर काले धन को विदेशी बैंकों से वापस लाने और जनता के बीच उस धन को बांटने का वादा किया था।

अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने सदन को सूचित किया कि उन्हें काले धन पर चर्चा के संबंध में खड़गे, वीरप्पा मोइली, ज्योतिरादित्य सिंधिया, कमलनाथ, के सी वेणुगोपाल और एन के प्रेमचंद्रन के कार्य स्थगन प्रस्ताव के नोटिस मिले हैं, लेकिन लोकसभा की कार्यवाही के संचालन संबंधी नियम 56 के तहत यह विषय कार्य स्थगित कर चर्चा कराने के मापदंडों के तहत नहीं आता। महाजन ने कहा कि वह कार्य स्थगन प्रस्ताव का नोटिस स्वीकार नहीं कर सकती हैं।

इससे पूर्व खड़गे ने सरकार से इस वादे के संबंध में जानना चाहा कि अभी तक ऐसा कितना काला धन विदेशों से लाया गया है और किस किस का है यह सब देश की जनता जानना चाहती है। उन्होंने कहा कि इस मुद्दे पर जानकारी नहीं देना प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा किए गए वादे का उल्लंघन है।

आज की कार्यसूची में काले धन के मुद्दे पर नियम 193 के तहत चर्चा कराए जाने की व्यवस्था का जिक्र करते हुए तृणमूल कांग्रेस के सुदीप बंदोपाध्याय ने भी कहा कि सरकार काली रात में काले धन पर चर्चा कराना चाहती है। जरूर इसमें दाल में कुछ काला है। उन्होंने कहा कि इस मुद्दे पर तुरंत चर्चा करायी जाए।

संसदीय मामलों के मंत्री वेंकैया नायडू ने कहा कि सरकार कल ही स्पष्ट कर चुकी है कि वह इस मसले पर चर्चा को तैयार है। उन्होंने कहा कि राजग सरकार कुछ भी छुपा नहीं रही है। उन्होंने चुटकी लेते हुए कहा, छुपाने के लिए कुछ नहीं है हमारे पास। हमारे जमाने में कुछ नहीं हुआ, जो कुछ भी हुआ वह आपके (कांग्रेस) के जमाने में हुआ है। कांग्रेस सदस्य ज्योतिरादित्य ने इसे गंभीर विषय बताते हुए अध्यक्ष से इस पर प्रश्नकाल के बाद चर्चा कराने की अपील की। अध्यक्ष ने इन सभी की बात सुनने के बाद कार्य स्थगन प्रस्ताव के नोटिस को नामंजूर कर दिया।

गौरतलब है कि विदेशों में जमा भारतीयों के काले धन को वापस लाने की मांग को लेकर लगभग समूचे विपक्ष ने मंगलवार को लोकसभा में जबरदस्त हंगामा किया था, जिसके कारण सदन की कार्यवाही कई बार बाधित हुई थी।

तृणमूल कांग्रेस, कांग्रेस, राजद, सपा, जदयू और आप के सदस्यों आसन के समक्ष आकर ‘काला धन वापस लाओ’ के नारे लगाए थे और तृणमूल के कुछ सदस्य छतरियां खोलकर आसन के समक्ष आ गए थे, जिन पर लिखा था ‘ काला धन वापस लाओ’।

विपक्ष ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से इस संबंध में जवाब की मांग थी। उनका इशारा लोकसभा चुनाव के दौरान मोदी द्वारा सत्ता में आने पर सौ दिन के भीतर काला धन वापस लाने के संबंध में किए गए वादे की तरफ था।

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संसदीय मामलों के राज्य मंत्री राजीव प्रताप रूडी ने कहा था कि सरकार काले धन पर चर्चा कराने के लिए पूरी तरह तैयार है।