यह ख़बर 27 अक्टूबर, 2014 को प्रकाशित हुई थी

कांग्रेस, आप और लेफ्ट ने कहा, काला धन रखने वाले चुनिंदा नाम ही उजागर किए गए

नई दिल्ली:

विदेशी बैंक में कालाधन रखने के मामले में कुछ नामों का खुलासा होने के साथ कांग्रेस, आम आदमी पार्टी, तृणमूल कांग्रेस और वामपंथी दलों ने आज सरकार से अपने विरोधियों को निशाना बनाने के लिए इस मुद्दे पर राजनीतिक हलचल और प्रेस में सनसनी पैदा करने से परहेज करने को कहा।

इस मुद्दे को व्यापक परिपेक्ष में देखने की वकालत करते हुए कांग्रेस प्रवक्ता अभिषेक सिंघवी ने कहा कि कांग्रेस का रुख साफ है और इसमें कोई बदलाव नहीं आया है। यह प्रेस में सनसनी और राजनीतिक हलचल पैदा करने का अवसर नहीं है। उन्होंने कहा कि वे सरकार में हैं। मंत्रालयों और विभागों पर उनका नियंत्रण है। उन्हें कार्रवाई करनी चाहिए.. खेल न खेलें।

सूची में कांग्रेस नेताओं के नाम के बारे में पूछे गए सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि अगर कोई नाम है तो संबंधित व्यक्ति इसका जवाब देगा और पार्टी कार्यालय के इस मंच से नामों का उल्लेख करना उचित नहीं होगा।

उन्होंने कहा कि बड़ा सवाल यह है कि वे 55 हजार नाम कहां है जिनका वादा योग गुरु बाबा रामदेव ने किया था।

वहीं भाकपा सचिव डी राजा ने कहा, 'सरकार को ढेर सारे सवालों का जवाब देना है, क्योंकि उसके तरफ से सारे नाम बताने में अनिच्छा है। इससे पता चलता है कि सरकार में अपना चुनावी वादे पूरा करने की राजनीतिक इच्छा एवं संकल्प नहीं है।'

इस बीच कोलकाता से प्राप्त समाचार के मुताबिक तृणमूल कांग्रेस ने कालेधन पर साफ रुख अपनाने तथा एक बार में सारे नामों का खुलासा करने को कहा। उसने कहा कि चुनिंदा लीक, अफवाहें पैदा करने और महज ताना मारने से बात नहीं बनेगी।

तृणमूल ने अपनी वेबसाइट पर जारी एक बयान में कहा, 'सरकार कालाधन कांड में किसे बचा रही है? क्या वह अपराधियों को ब्लैकमेल करने के लिए राजनीति कर रही है?'

उधर आम आदमी पार्टी (आप) ने उन सारे नामों का खुलासा करने की मांग की जिन्होंने कथित रूप से अवैध तरीके से विदेशी बैंकों में अपने धन छिपा रखे हैं। उसने उन्हें दंडित करने के लिए समयबद्ध जांच की भी मांग की।

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आप प्रमुख और दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने आश्चर्य प्रकट किया कि जब सरकार के पास खाला धन विदेशी खातों में रखने वाले सभी लोगों के नामों की सूची है तो उसने आज उच्चतम न्यायालय में बस तीन नाम क्यों खुलासे किए। केजरीवाल ने ट्वीट कर यह भी आरोप लगाया कि तीन नामों में एक राधा टिम्बलो ने भाजपा को 1.18 करोड़ और कांग्रेस को 65 लाख रुपये चंदा दिए।