अखलाक के भाई ने कहा : गांव नहीं छोड़ेंगे, पहले की तरह रहना चाहते हैं

अखलाक के भाई ने कहा : गांव नहीं छोड़ेंगे, पहले की तरह रहना चाहते हैं

मोहम्मद अखलाक (फाइल फोटो)

दादरी (उत्तर प्रदेश):

दादरी में भीड द्वारा पीट पीटकर हत्या कर दिए जाने के मामले में पीड़ित मोहम्मद अखलाक के बड़े भाई ने गुरुवार को कहा, ‘हम पहले की तरह ही रहना चाहते हैं।’ इसके साथ ही उन्होंने जोर देते हुए कहा कि स्थायी तौर पर बिसाहड़ा गांव से चले जाने की परिवार की कोई योजना नहीं है हालांकि जरूरत हुई तो ‘दो चार महीनों’ के लिए वह बाहर जा सकता है।

गौतम बुद्ध नगर के जिला मजिस्ट्रेट नागेंद्र प्रसाद सिंह ने भी कहा कि परिवार बिसाहड़ा गांव में ही रहेगा जहां उसे 24 घंटे पुलिस सुरक्षा मिल रही है।

अखलाक के भाई जमील का बयान
अखलाक के भाई जमील ने घर पर ही संवाददाता से बात में कहा, ‘जैसा कि आप देख रहे हैं, हमारे परिवार के सदस्य कहीं बाहर नहीं गए हैं और न ही ऐसा करने का उनका कोई इरादा है।’ अखलाक के घर के बगल में ही जमील का घर है।

नहीं छोड़ेंगे अपना गांव
जमील ने कहा कि वे कभी भी स्थायी रूप से बिसाहड़ा गांव नहीं छोड़ेंगे जहां उनके परिवार की पांच पीढ़ी रह चुकी है। ‘‘अगर जरूरत हुई तो हम दो-चार महीनों के लिए कहीं जा सकते हैं लेकिन भविष्य कौन जानता है।’’

सरताज मेरी बातों से बाहर नहीं जाएंगे
अखलाक के पुत्र सरताज द्वारा अपने परिवार को दिल्ली ले जाने की खबर के बारे में जमील ने कहा, ‘वह (सरताज) चिंता के कारण कुछ बोल रहे हैं लेकिन इसका यह अर्थ नहीं है कि वह मेरी बातों से बाहर जाएंगे।’ जिला मजिस्ट्रेट ने कहा कि परिवार ने तत्काल बाहर जाने के बारे में कोई योजना नहीं साझा की है, हालांकि ‘सरताज उनकी सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं।’

दोषियों को न्याय की जद में लाना है
गौमांस खाने को लेकर अफवाहों पर अखलाक की 28 सितंबर को पीट पीटकर हत्या कर दी गई थी। इसके बाद राष्ट्रीय स्तर पर रोष प्रकट किया गया। अखलाक के छोटे पुत्र दानिश (22) का नोएडा के एक अस्पताल में इलाज चल रहा है। भीड़ के हमले में दानिश गंभीर रूप से घायल हो गए थे। मीडिया द्वारा लगातार पूछताछ किए जाने से खिन्न दिख रहे जमील ने कहा कि सबसे महत्वपूर्ण दोषियों को न्याय की जद में लाना है।

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मीडिया अब भी अपुष्ट खबरें चला रहा है
उन्होंने कहा, ‘हम एक ही बात को बार बार कह कर थक गए हैं, लेकिन मीडिया अब भी अपुष्ट खबरें चला रहा है। हमारे लिए न्याय पाना एकमात्र उद्देश्य है और सिर्फ प्रशासन तथा अदालत ही यह सुनिश्चित कर सकती है।’ उन्होंने कहा कि परिवार के सदस्यों, खासकर अखलाक की पुत्री और मां को उस घटना के बाद सामान्य जीवन जीने में दिक्कत हो रही है। उन्होंने कहा, ‘ वह (अखलाक की मां) कुछ बोलने की स्थिति में नहीं हैं। कोई व्यक्ति क्या कह सकता है जब उसकी आंखों के सामने उसके बेटे को पीट पीटकर मार दिया गया हो।’