ISI से जुड़े जासूसी गिरोह का पर्दाफाश, जम्मू और कोलकाता में BSF कांस्टेबल सहित पांच गिरफ्तार

ISI से जुड़े जासूसी गिरोह का पर्दाफाश, जम्मू और कोलकाता में BSF कांस्टेबल सहित पांच गिरफ्तार

पकड़े गए तीन संदिग्ध आईएसआई एजेंट मोहम्मद जहांगीर, अश्फाक अंसारी और इरशाद अंसारी।

नई दिल्ली/कोलकाता:

राष्ट्र की सुरक्षा पर प्रभाव डालने वाली गोपनीय सूचनाओं के साथ एक सेवारत बीएसएफ कर्मी और चार संदिग्ध आईएसआई सदस्यों की गिरफ्तारी के साथ दो अलग-अलग घटनाओं में रविवार को जम्मू और कोलकाता में आईएसआई से जुड़े एक जासूसी गिरोह का पर्दाफाश किया गया।

संयुक्त पुलिस आयुक्त (अपराध), रवींद्र यादव ने दिल्ली में बताया कि जम्मू-कश्मीर के राजौरी के रहने वाले कफैतुल्ला खान उर्फ मास्टर रजा (44) का पीछा किया गया और जम्मू से भोपाल जाते वक्त नई दिल्ली रेलवे स्टेशन से गिरफ्तार किया गया जबकि उसी जिले में सीमा सुरक्षा बल की खुफिया टुकड़ी में तैनात बीएसएफ के हेड कांस्टेबल अब्दुल रशीद को उसके घर से पकड़ा गया।

ई-मेल और व्हाट्सएप से सूचनाओं का आदान-प्रदान
एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि पाकिस्तान के खुफिया संगठन से कथित तौर पर जुड़ा खान ई-मेल, व्हाट्सएप और वाइबर नेटवर्क के जरिए सूचनाएं भेजता था। मुख्य रूप से उसे सुरक्षा बलों की तैनाती और वायु सेना के अभियान से जुड़ा काम सौंप गया था। यादव ने कहा ,‘खान पाकिस्तान इंटेलिजेंस ऑपरेटिव (पीआईओ) का हैंडलर है और रशीद उसका मुख्य सूत्र था। उनके द्वारा चलाए गए गिरोह को पाकिस्तान की आईएसआई का समर्थन था।’

दिल्ली पुलिस ने बनाया नेटवर्क
एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि पाकिस्तान के इंटिलिजेंस ऑपरेटिव द्वारा प्रायोजित राष्ट्र विरोधी गतिविधियों के बारे में सूचना मिलने पर दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा ने एक नेटवर्क तैयार किया और कुछ संदिग्धों की पहचान की। गुरुवार को खान ट्रेन से जम्मू से भोपाल जाने वाला था। नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर पुलिस की एक टीम ने उसे पकड़ लिया और उसके पास से राष्ट्र की सुरक्षा पर असर डालने वाले दस्तावेज हासिल किए।

पैसे के लिए सैन्य बलों की सूचनाएं दी गईं
पूछताछ के दौरान खान ने कहा कि वह राजौरी जिले के मजानकोट में एक सीनियर सेकेंडरी स्कूल में पुस्तकालय सहायक के तौर पर काम करता है। उन्होंने बताया , ‘2013 में वह पाकिस्तान गया और आईएसआई के एजेंट के संपर्क में आया। वह पैसे के बदले में सैन्य बलों से जुड़ी सूचनाएं साझा करने पर सहमत हो गया।’ उन्होंने बताया कि खान ने जल्द ही भारतीय सेना और बीएसएफ में सूत्रों को तलाशना शुरू कर दिया और उनमें से कुछ ने उसे कथित तौर पर गोपनीय दस्तावेज मुहैया कराने भी शुरू कर दिए।

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पुलिस के अनुसार, सूचना अधिकतर ईमेल, व्हाट्सएप और विबर नेटवर्क के जरिए भेजी जाती थी। पीआईओ ने खान को विशेष रूप से सुरक्षा बलों की तैनाती और वायुसेना के अभियानों की जिम्मेदारी सौंपी। वह कथित रूप से जासूसी रैकेट में और लोगों को भर्ती करने के लिए भोपाल जा रहा था।