यह ख़बर 05 दिसंबर, 2012 को प्रकाशित हुई थी

अंबेडकर स्मारक की मांग पर बसपा सदस्यों का राज्यसभा में हंगामा

खास बातें

  • मुंबई में डॉ भीमराव अंबेडकर के स्मारक की मांग कर रहे बसपा सदस्यों के हंगामे के कारण राज्यसभा की बैठक शुरू होने के कुछ ही देर बाद दोपहर 12 बजे तक स्थगित कर दी गई और प्रश्नकाल नहीं चल पाया।
नई दिल्ली:

सरकार को बाहर से समर्थन दे रहे दलों बसपा और सपा के सदस्यों के अलग-अलग मुद्दों पर हंगामे के कारण राज्यसभा में बुधवार को भी कामकाज बाधित रहा, वहीं मुख्य विपक्षी दल बीजेपी ने आरोप लगाया कि सरकार नहीं चाहती कि सदन का कामकाज सुचारू रूप से चले।

राज्यसभा की सुबह बैठक शुरू होने पर बसपा सदस्यों ने मुंबई में डॉ भीमराव अंबेडकर स्मारक मुद्दे पर हंगामा किया। इस वजह बैठक शुरू होने के कुछ ही देर बाद दोपहर 12 बजे तक स्थगित कर दी गई और आज भी प्रश्नकाल नहीं चल पाया। बसपा प्रमुख मायावती ने अंबेडकर स्मारक बनाए जाने का मुद्दा उठाया।

उन्होंने कहा कि वहां कपड़ा मंत्रालय की एक मिल में बरसों से अंबेडकर स्मारक बनाने की मांग को लेकर लोग संघर्ष कर रहे हैं। सरकार इस बारे में क्या कर रही है, उसे बताना चाहिए। सरकार को चाहिए कि वह इस संबंध में आश्वासन दे।

सभापति हामिद अंसारी ने कहा कि इस बारे में सुबह एक बैठक हुई थी और दोपहर 12 बजे सरकार की ओर से घोषणा की जाएगी। सभी दलों को इसकी सूचना दे दी गई थी और एजेंडा में भी यह सूचीबद्ध है। उन्होंने कहा कि अभी प्रश्नकाल चलने दिया जाए। लेकिन मायावती ने प्रश्नकाल स्थगित कर सरकार से तुरंत जवाब देने की मांग की।

प्रश्नकाल चलने देने की सभापति की अपील के बावजूद बसपा के सदस्य अपनी मांग पर अड़े रहे और आसन के समीप आ गए। हंगामा थमते नहीं देख अंसारी ने बैठक दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी। एक बार के स्थगन के बाद दोपहर 12 बजे बैठक शुरू होने पर संसदीय कार्य राज्य मंत्री राजीव शुक्ला ने मुंबई में अंबेडकर स्मारक के निर्माण के संबंध में कपड़ा मंत्री आनंद शर्मा की ओर से एक बयान दिया।

बयान में शर्मा ने कहा, बाबा साहेब अंबेडकर की अस्थियां मुंबई स्थित नेशनल टेक्सटाइल कॉरपोरेशन की इन्दु मिल की भूमि के नजदीक चैत्य भूमि में रखी गयी हैं। उनके लाखों अनुयायियों के लिए यह एक तीर्थस्थल है। उन्होंने कहा कि जनमानस की भावना और महाराष्ट्र विधानमंडल के दोनों सदनों द्वारा पारित सर्वसम्मत संकल्प को ध्यान में रखते हुए केंद्र सरकार ने यह भूमि उपयुक्त स्मारक के निर्माण की खातिर महाराष्ट्र सरकार को उपलब्ध कराने का विचार किया है।

उन्होंने कहा कि सरकार ने इस निर्णय को लागू करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। लेकिन मायावती सहित बसपा के अन्य सदस्य सरकार के इस बयान से संतुष्ट नहीं हुए। मायावती ने कहा कि 6 दिसंबर को बाबा साहब के महापरिनिर्वाण दिवस के मौके पर सरकार को इस संबंध में आश्वासन देना चाहिए। उन्होंने मांग की कि कपड़ा मंत्री को सदन में आकर यह बताना चाहिए कि सरकार इस स्मारक के निर्माण पर कितना धन खर्च करेगी और इसके लिए कितनी भूमि दी जाएगी। उन्होंने सरकार से सवाल किया कि स्मारक का निर्माण कब शुरू होगा और इसके पूरा होने में कितना समय लगेगा।

बीजेपी के उपनेता रविशंकर प्रसाद ने कहा कि इस संबंध में एक समयसीमा निर्धारित की जानी चाहिए। विभिन्न सदस्यों की मांग पर राजीव शुक्ला ने कहा कि यह बयान स्वत: संज्ञान लेते हुए दिया गया है और इस संबंध में सदस्य वस्त्र मंत्री से बाद में स्पष्टीकरण पूछ सकते हैं।

इसके बाद उपसभापति पीजे कुरियन ने आवश्यक दस्तावेज सदन के पटल पर रखवाए। इसी दौरान सपा के सदस्य अनुसूचित जाति एवं जनजाति के कर्मचारियों को सरकारी नौकरियों में पदोन्नति में आरक्षण का विरोध करते हुए आसन के समीप आ गए और नारेबाजी करने लगे। सपा सदस्यों का विरोध करते हुए कांग्रेस के भी कुछ सदस्य अपने स्थानों से आगे आ गए। कुरियन ने हंगामा कर रहे सदस्यों से अपने स्थानों पर जाने तथा सदन को सुचारू रूप से चलने देने की अपील की।

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सपा सदस्यों के हंगामे पर आपत्ति जताते हुए सदन में विपक्ष के नेता अरुण जेटली ने कहा कि सरकार ने तय कर लिया है कि वह और उसके समर्थक दल सदन को नहीं चलने देंगे। उन्होंने कहा कि सदन के नेता को यहां आकर बताना चाहिए कि वह सदन चलने देंगे या नहीं। हंगामा थमते नहीं देख कुरियन ने बैठक दिनभर के लिए स्थगित कर दी।