यह ख़बर 06 जून, 2012 को प्रकाशित हुई थी

'बोइंग 787 के मुआवजा प्रस्ताव पर फैसला मंत्रिमंडल करेगा'

खास बातें

  • केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बुधवार को कहा कि आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (सीसीईए) 787 ड्रीमलाइन विमान की आपूर्ति में देरी के लिए मुआवजा देने की बोइंग की पेशकश पर कोई फैसला कर सकती है।
नई दिल्ली:

केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बुधवार को कहा कि आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (सीसीईए) 787 ड्रीमलाइन विमान की आपूर्ति में देरी के लिए मुआवजा देने की बोइंग की पेशकश पर कोई फैसला कर सकती है।

अधिकारी ने कहा, "सीसीईए इस मुद्दे पर कल गुरुवार को विचार करेगी और तय करेगी कि बोइंग का मुआवजा पैकेज स्वीकार करना है या नहीं।" यह घटनाक्रम तब सामने आया है, जब केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री अजीत सिंह ने बुधवार को कहा कि 787 ड्रीमलाइनर को बेड़े में शामिल करने का निर्णय सीसीईए पर निर्भर है।

अजीत सिंह ने कहा, "वे (बोइंग) 787 ड्रीमलाइनर की आपूर्ति में देरी के लिए एक मुआवजा पैकेज पर सहमत हुए हैं। यह समाधान एयर इंडिया बोर्ड को मंजूर है।"

अजीत सिंह ने कहा, "मुआवजा पैकेज का मुद्दा अब सीसीईए में जाएगा, जो तय करेगा कि इसे स्वीकार करना है या नहीं। हमे आशा है कि सीसीईए इस मामले पर जल्द फैसला करेगी।"

सिंह के अनुसार, यदि सीसीईए ने विमानन कम्पनी और बोइंग के बीच तय हुए मुआवजा पैकेज को मंजूरी दे दी, तो एयर इंडिया को जून में तीन 787 ड्रीमलाइन प्राप्त हो जाएंगे।

एयर इंडिया ने प्रारम्भ में पहले 787 ड्रीमलाइनर की आपूर्ति लेने से इनकार कर दिया था, जिसे पहली जून, 2012 को बेड़े में शामिल किया जाना था। एयर इंडिया ने कहा था कि वह विलम्ब का मुआवजा तय हो जाने के बाद ही आपूर्ति स्वीकार करेगी।

पिछले सप्ताह नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने औपचारिक रूप से अमेरिका स्थित बोइंग कम्पनी से एक पत्र में पूछा था कि वह एयर इंडिया को किस तरह का मुआवजा पैकेज देना चाहती है।

ज्ञात हो कि एयर इंडिया ने 2005-06 में 27 ड्रीमलाइनर विमानों के आर्डर दिए थे, जिसमें से पहले विमान की आपूर्ति 2008-09 में होनी थी। लेकिन आपूर्ति में तीन वर्ष की देरी हुई, जिसके कारण लम्बे अंतरराष्ट्रीय मार्गो पर विमान की तैनाती के कई अवसरों से एयर इंडिया वचित रह गया।

इस मामले के करीबी सूत्रों के अनुसार, बोइंग द्वारा दिया जाने वाला कोई भी मुआवजा सीधे एयर इंडिया के पास नहीं आएगा, बल्कि विमान की कुल कीमत में से घटा दिया जाएगा।

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सूत्रों ने कहा, "एक कटौती प्रक्रिया पर चर्चा हुई है। मुआवजा राशि विमान की कुल कीमत में से घटा दी जाएगी।"