नई दिल्ली: मॉनसून के इस सीजन में औसत से 12 प्रतिशत कम बारिश का अनुमान है। लिहाजा, किसानों को पानी मुहैया कराने के लिए कैबिनेट ने 'प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना' पर मुहर लगा दी है। इसके तहत देश के हर ज़िले में नहरों-तालाबों से खेतों तक सिंचाई के लिए पानी पहुंचाने की योजना है। इसके लिए ज़िला स्तर पर सिंचाई की सुविधा पहुंचाने के लिए विशेष योजना बनाई जाएगी।
एनडीटीवी से बातचीत में कृषि राज्यमंत्री संजीव बालयान ने कहा कि वित्त मंत्रालय ने साल 2015-16 के लिए 8200 करोड़ का फंड मुहैया कराने का आश्वासन दिया है। इस योजना को लागू करने की ज़िम्मेदारी कृषि मंत्रालय के साथ-साथ ग्रामीण विकास मंत्रालय और जल संसाधन मंत्रालय को दी गई है।
ये महत्वपूर्ण है कि देश की 65 प्रतिशत खेती लायक जमीन पर सिंचाई के साधन फिलहाल नहीं हैं और मॉनसून कमज़ोर होने से इन इलाकों में अकसर किसानों को काफी जूझना पड़ता है। इसलिए यह तय किया गया है कि अब हर ज़िले के लिए एक डिस्ट्रिक्ट इरीगेशन प्लान तैयार किया जाएगा। कैबिनेट ने एक ऑनलाइन नेशनल एग्रीकल्चरल मार्केट खड़ा करने के प्रस्ताव को भी मंज़ूरी दी है, जिसके पहले चरण में 500 मंडियों को कम्प्यूटराइज़ड किया जाएगा।
सरकार का दावा है कि नई व्यवस्था से मंडियों में बिचौलियों पर नकेल कसने में मदद मिलेगी। कृषि राज्य मंत्री संजीव बालयान मानते हैं कि इस नई व्यवस्था के लागू होने से पूरा देश एक मार्केट और एक मंडी बन जाएगा।
दिल्ली में बैठा व्यापारी देश के किसी भी राज्य में अपनी मर्ज़ी के मुताबिक अनाज की खरीद कर सकेगा। साथ ही, किसानों को भी ये मौका मिलेगा कि वो अपने मुनाफे को देखते हुए अपनी उपज देश के उस हिस्से में बेचें जहां उन्हें सबसे अच्छी कीमत मिलने की संभावना हो।