महाराष्ट्र मंत्रिमंडल विस्तार: 10 नए चेहरे समेत 11 मंत्रियों का हुआ शपथग्रहण, ठाकरे समारोह में शामिल नहीं हुए

महाराष्ट्र मंत्रिमंडल विस्तार: 10 नए चेहरे समेत 11 मंत्रियों का हुआ शपथग्रहण, ठाकरे समारोह में शामिल नहीं हुए

शपथग्रहण समारोह के दौरान महाराष्ट्र के सीएम देवेंद्र फडण्वीस

खास बातें

  • एक राज्य मंत्री को प्रमोशन सहित दस नये मंत्रियों को मंत्रिमंडल में शामिल
  • उद्धव ठाकरे के शपथ ग्रहण में नहीं आने से दोनों पार्टियों के बीच तनातनी
  • शिवसेना एक और कैबिनेट मंत्री की कुर्सी मांग रही थी
मुंबई:

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मंत्रिमंडल विस्तार के बाद महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने भी रूस जाने से पहले कैबिनेट में अपने सहयोगियों की संख्या बढ़ा दी, एक राज्य मंत्री को प्रमोशन सहित दस नये मंत्रियों को मंत्रिमंडल में शामिल किया गया, जिससे राज्य में मंत्रियों की संख्या 29 से बढ़कर 39 हो गई। शिवसेना के दो राज्यमंत्रियों ने भी शपथ ली, लेकिन पार्टी प्रमुख उद्धव ठाकरे के शपथ ग्रहण में नहीं आने से दोनों पार्टियों के बीच तनातनी की ख़बर फिर सुर्खियों में रही।

क्यों नाराज़ है शिवसेना!
तय फॉर्मूले के मुताबिक महाराष्ट्र मंत्रिमंडल में शिवसेना को 5 कैबिनेट और 7 राज्यमंत्री मिलने थे, पार्टी का कोटा फुल हो चुका है बावजूद इसके शिवसेना एक और कैबिनेट मंत्री की कुर्सी मांग रही थी। अपनी मांग को लेकर शिवसेना के दो वरिष्ठ नेता सुभाष देसाई और दिवाकर रावते मुख्यमंत्री से मिले, लेकिन फडणवीस ने इस मांग को नहीं माना। शपथ ग्रहण के बाद दोनों पार्टियों के बीच तनातनी के सवाल पर शिवसेना के कोटे से राज्यमंत्री बने गुलाबराव पाटिल ने कहा इस बारे में हमारे पक्ष प्रमुख उद्धव ठाकरे ही तय करेंगे।

खडसे को चैलेंज?
गुलाबराव पाटिल को पूर्व राजस्व मंत्री एकनाथ खडसे का विरोधी माना जाता है। धुले के दोंडाईचा राजघराने के वंशज जयकुमार रावल को भी कैबिनेट मंत्री बनाकर खांदेश में नाथाभाऊ को टक्कर देने की अटकलें हैं, हालांकि शपथ लेने के बाद बीजेपी के नेता और कार्डिफ यूनिवर्सिटी से बिजनेस मैनेजमेंट की पढ़ाई करने वाले रावल ने कहा कि खडसे समेत तमाम बड़े नेता उनके आदर्श रहे हैं।

किसे मिली कैबिनेट में जगह
बीजेपी के वरिष्ठ नेता और विदर्भ के खामगांव से विधायक पांडुरंग फुंडकर, प्रमोशन मिलने के बाद राम शिंदे, जय कुमार रावल, मराठवाड़ा के निलंगा से विधायक और पेशेवर पायलट संभाजी पाटिल-निलंगेकर, सुभाष देशमुख और राष्ट्रीय समाज पक्ष के महादेव जानकर। बीजेपी ने अपने कोटे से एक कैबिनेट और एक राज्यमंत्री का पद सहयोगी दलों को दिया जिसके तहत स्वाभिमानी शेतकरी संगठन के सदाभाऊ खोत भी मंत्री बने, उनके साथ शिवसेना के अर्जुन खोतकर और गुलाबराव पाटिल। खोतकर महाराष्ट्र बीजेपी अध्यक्ष रावसाहब दानवे के जिले जालना से हैं। बीेजपी के मदन येरावर और रविन्द्र चव्हाण को भी मंत्री बनाया गया।  

नये विस्तार के बाद स्वीकृत मंत्रियों की संख्या 42 में 39 सीटें भर गई हैं। मंत्रिमंडल विस्तार में पश्चिम महाराष्ट्र, विदर्भ, खांदेश, मराठवाड़ा से विधायकों को शामिल करने क्षेत्रीय संतुलन बनाने के साथ ओबीसी, मराठा और राजपूत नेताओं के तौर पर जातिगत समीकरणों को भी साधने की कोशिश की गई है। अशांत क्षेत्रों में सेना 'अत्याधिक बल' का इस्तेमाल नहीं कर सकती - यह बात सुप्रीम कोर्ट ने सेना द्वारा फर्जी एनकाउंटर के आरोप वाली याचिका पर सुनवाई के दौरान कही है। इसके अलावा कोर्ट ने उत्तर पूर्वी राज्य में हुए 1500 कथित फर्जी मुठभेड़ के मामलों की विस्तृत जानकारी भी मांगी है। पिछले कई सालों से उत्तर पूर्वी राज्य में AFSPA का कानून लागू है जिसका कड़ा विरोध किया गया है।


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