यह ख़बर 11 अगस्त, 2011 को प्रकाशित हुई थी

कैग पर सरकार, कांग्रेस की टिप्पणियां गलत : जोशी

खास बातें

  • जोशी ने पिछले दिनों कैग द्वारा संवाददाता सम्मेलन आयोजित करने पर प्रधानमंत्री की ओर से सवाल उठाए जाने पर कहा कि यह परंपरा रही है।
नई दिल्ली:

भाजपा ने गुरुवार को कहा कि पिछले कुछ दिनों से कांग्रेस पार्टी के नेता और सरकार के कुछ मंत्री नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) पर गंभीर टिप्पणियां कर रहे हैं जो निहायती गलत है और बेबुनियाद है। वरिष्ठ भाजपा नेता मुरली मनोहर जोशी ने पिछले दिनों कैग द्वारा संवाददाता सम्मेलन आयोजित करने पर प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की ओर से सवाल उठाए जाने पर कहा कि यह परंपरा रही है कि जब भी कैग की रिपोर्ट सदन में पेश होती है तो वे उसके प्रमुख तथ्यों को जनता को बताते हैं। यह उनका अधिकार भी है और दायित्व भी। संसद की लोक लेखा समिति (पीएसी) के अध्यक्ष जोशी ने कहा कि यह भी कहा गया कि कैग का काम एकाउंटेंट का है। यदि सरकार के मंत्री ऐसा कह रहे हैं तो वे जानबूझकर ऐसा कर रहे हैं, अनजाने में नहीं और यह बेहद गलत बात है। जोशी ने कहा यदि सरकार और प्रधानमंत्री गंभीर हैं तो वे अपने सांसदों को इन संवैधानिक संस्थाओं का सम्मान करने की हिदायत दें। उन्होंने कहा कि कैग को संविधान की धारा 149, 150 और 151 के तहत ऑडिट के अधिकार हैं। जोशी के मुताबिक कैग को तीन तरह की ऑडिट के अधिकार हैं जिनमें वित्तीय ऑडिट, अनुपालन (कंप्लायंस) और प्रदर्शन (परफॉरमेंस) ऑडिट हैं। केवल वित्तीय ऑडिट तो सीए भी कर सकता है। उन्होंने कहा कि 13 जून 2006 को एक सरकारी आदेश में भी कैग को इस तरह के अधिकार होने की बात कही गई थी जब भी संप्रग सरकार सत्ता में थी। जोशी ने कहा कि सरकार के सारे मंत्रालय कैग के परफॉरमेंस ऑडिट से घबराते हैं क्योंकि इससे उनका कच्चा चिट्ठा खुल जाएगा इसलिए सरकार और कांग्रेस पार्टी कैग पर निशाना साध रहे हैं। उन्होंने कहा कि कैग, पीएसी तथा प्रेस देश में जवाबदेही और पारदर्शिता के लिए काम करते हैं लेकिन भ्रष्टाचार को उजागर करने वाली ऐसी सभी संस्थाओं पर सरकार हमला कर रही है।उन्होंने कहा कि सरकार चाहती नहीं है कि भ्रष्टाचार के मामले जनता के सामने आएं इसलिए अन्ना हजारे, बाबा रामदेव जैसे लोगों की आवाज भी दबाने की कोशिश की जाती है। जोशी ने कहा कि सरकार लोकतंत्र को खत्म करना चाहती है और वह तानाशाही की ओर बढ़ रही है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी और सरकार को स्पष्ट करना चाहिए कि क्या वह इन संवैधानिक संस्थाओं पर पार्टी सदस्यों के इस तरह के गंभीर बयानों से सहमत हैं और यदि नहीं तो उन पर क्या कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाने वालों का दमन करना बहुत खतरनाक संकेत है और यदि सरकार ऐसे ही चलेगी तो देश में जो भी आक्रोश पनपेगा उसकी जिम्मेदार वही होगी। जोशी ने अमेरिका में बढ़ते आर्थिक संकट का जिक्र करते हुए कहा कि आज हमने संसद में इस मुद्दे को उठाया और अन्य विपक्षी दलों का भी मानना है कि सरकार को संभल जाना चाहिए और आर्थिक नीतियों की बुनियाद की समीक्षा की जानी चाहिए। उन्होंने इस मुद्दे पर संसद में चर्चा कराने की भी मांग दोहराई।


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