मुद्दों पर कांग्रेस के साथ सहयोग कर सकते हैं, लेकिन गठबंधन नहीं : सीताराम येचुरी

सीताराम येचुरी की फाइल तस्वीर

कोलकाता:

माकपा, कांग्रेस के साथ मुद्दों के आधार पर सहयोग करने के लिए तैयार है, लेकिन संसद के बाहर उसके साथ किसी भी तरह का गठबंधन करने से इनकार करते हुए पार्टी ने कहा कि अब तक नव उदारवादी नीतियों का अनुसरण करने वाले दल के सथ वह 'कुछ भी नहीं' करेगी।

माकपा महासचिव सीताराम येचुरी ने कहा, हम विशेष मुद्दों पर संसद में और बाहर मोदी सरकार की नीतियों के खिलाफ, दूसरी राजनीतिक ताकतों के साथ एकजुट हो सकते हैं। संसद के बाहर हम भूमि अधिग्रहण विधेयक के मुद्दे पर कांग्रेस के साथ राष्ट्रपति के पास गए। विशेष मुद्दों पर हम अन्य राजनीतिक दलों के साथ सहयोग करने के लिए तैयार हैं।

पीटीआई को दिए एक साक्षात्कार में येचुरी ने कहा, लेकिन जब हम कहते हैं, संसद के बाहर नहीं... तो इसका मतलब है कि किसी भी दल (कांग्रेस) के साथ गठबंधन या मोर्चे पर विचार नहीं किया जा रहा है।

उनसे पूछा गया कि जब माकपा विशेष मुद्दों पर कांग्रेस के साथ लड़ने की इच्छुक है, तो बीजेपी से लड़ने के लिए गठबंधन करने से उसे कौन सी बात रोक रही है। इस पर येचुरी ने कहा, "हम गैर-कांग्रेस धर्मनिरपेक्ष दलों के साथ एकजुट होने का आह्वान कर रहे हैं। कांग्रेस क्यों नहीं? इसलिए कि कांग्रेस ही आज इन सांप्रदायिक ताकतों को सत्ता में लेकर आई है।

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उन्होंने कहा, उनके (कांग्रेस के) भ्रष्टाचार, उनकी आर्थिक नीतियों के कारण ही आज बीजेपी सत्ता में आई है। जब तक पार्टी उन नीतियों को जारी रखेगी, तब तक यह सवाल ही नहीं उठता कि हम उसके साथ आएंगे।