पार्टी छोड़ने के मुद्दे पर बोले कैप्टन अमरिंदर, कांग्रेस छोड़कर कहां जाऊंगा

चंडीगढ़:

लोकसभा में कांग्रेस के उप नेता के पद से हटाये जाने की खबरों के बीच पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने शुक्रवार को दिल्ली में पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात की। संसद में उनकी गैर मौजूदगी पर पूछे गए सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, 'मेरी मां की तबियत खराब थी। इस सिलसिले में मैंने खुद कांग्रेस अध्यक्ष से बात की थी और उनके कहने पर ही मैं दुबई गया था।' साथ ही, पार्टी छोड़ने की अटकलों पर उन्होंने कहा कि वह मुख्यमंत्री रह चुके हैं और कांग्रेस छोड़कर कहां जा सकते हैं।

पंजाब में पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष प्रताप सिंह बाजवा को हटाने की मांग पर कैप्टेन अमरिंदर ने साफ कहा, 'हमें जीत दर्ज करने के लिए एक मजबूत नेतृत्व चाहिए। बाजवा की अगुवाई में हम चुनाव नहीं जीत सकते।'  अमरिंदर गुरुवार को ही दुबई से लौटे हैं।

गौरतलब है कि पार्टी आलाकमान पर दबाव बनाने के लिए कैप्टन अमरिंदर सिंह ने पटियाला में अपने समर्थकों और विधायकों की मीटिंग बुलाई है। ऐसी ही एक मीटिंग उन्होंने पिछले साल 19 दिसंबर को भी बुलाई थी जिसमें उनके 30 से ज्यादा करीबी नेता और कई विधायक शामिल हुए थे। लेकिन, उनकी कोशिशें अभी तक नाकाम रही हैं। पार्टी सूत्रों की मानें तो सोनिया और राहुल, दोनों ही कैप्टन को तीसरी बार आजमाने के मूड में नहीं हैं। पिछले दो चुनाव उनके नेतृत्व में लड़े गए और दोनों बार कांग्रेस को निराशा हाथ लगी। 2012 में तो पार्टी ने उन्हें बतौर मुख्यमंत्री पेश किया था।

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बहरहाल, उनके रुख के समर्थन में लुधियाना के पूर्व सांसद मनीष तिवारी ने कहा, 'कोई भी फेरबदल पार्टी नेतृत्व का एकाधिकार है लेकिन इसमें कोई शक नहीं कि कैप्टन अमरिंदर पंजाब में हमारे सबसे कद्दावर नेता हैं।'

वहीं प्रदेश अध्यक्ष प्रताप बाजवा ने कहा की ,'कैप्टन अमरिंदर सिंह को लक्ष्मण रेखा नहीं पार करनी चाहिए। उनकी कांग्रेस अध्यक्ष के साथ जो भी बात हुई, उसे मीडिया के सामने नहीं रखना चाहिए था। उनके नेतृत्व में हम दो चुनाव लगातार हारे। मैंने कभी उन पर सवाल नहीं उठाया। मैं तब तक अध्यक्ष बना रहूंगा, जब तक सोनिया जी और राहुल जी का भरोसा मुझ पर रहेगा।' बाजवा ने कहा, 'मैं कैप्टन अमरिंदर सिंह से गुजारिश करुंगा कि मुझ पर निशाना साधने के बजाए वह अकाली-बीजेपी सरकार को उखाड़ फेंकने में मेरी मदद करें।'

लगातार गुटबाजी से जूझ रही पंजाब कांग्रेस में कैप्टन और बाजवा गुटों में शीत युद्ध नवंबर से ही गरमाया हुआ है। दरअसल तब प्रदेश अध्यक्ष प्रताप सिंह बाजवा ने लुधियाना (शहरी) यूनिट के अध्यक्ष पवन दीवान को पार्टी विरोधी गतिविधियों के आरोप में पद से हटा दिया था। दीवान को कैप्टन अमरिंदर का करीबी मन जाता है।