यह ख़बर 13 नवंबर, 2013 को प्रकाशित हुई थी

सीबीआई निदेशक ने 'सट्टेबाजी की तुलना रेप से' वाले बयान पर जताया अफसोस

नई दिल्ली:

बलात्कार के संबंध में अपनी टिप्पणी को लेकर आलोचना का सामना कर रहे सीबीआई निदेशक रंजीत सिन्हा ने आज कहा कि यदि अनजाने में उन्होंने किसी को आहत किया है तो वह इसके लिए खेद जताते हैं। उन्होंने कहा कि वह महिलाओं का बेहद सम्मान और आदर करते हैं तथा लैंगिक मुद्दों के प्रति प्रतिबद्ध हैं।

सिन्हा ने एक बयान में कहा कि उन्होंने खेलों में सट्टेबाजी को वैध किए जाने के संदर्भ में यह टिप्पणी की थी।

उन्होंने कहा, मैंने अपनी राय दी थी कि सट्टेबाजी को वैध घोषित कर देना चाहिए और यदि कानून को लागू नहीं किया जा सकता है तो इसका मतलब यह नहीं है कि कानून बनाए ही नहीं जाने चाहिए। यह कहना उतना ही गलत है जितना यह कहना कि यदि बलात्कार को रोका नहीं जा सकता तो पीड़ित को इसका आनंद उठाना चाहिए।

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सिन्हा ने कहा, यदि कोई आहत हुआ है तो मैं खेद प्रकट करता हूं क्योंकि यह अनजाने में हुआ है। मैं महिलाओं और लैंगिक मुद्दों के प्रति गहरा सम्मान रखता हूं। सिन्हा इंडियन एक्सप्रेस के एडिटर इन चीफ शेखर गुप्ता, पूर्व भारतीय क्रिकेट कप्तान राहुल द्रविड़ तथा बीसीसीआई के भ्रष्टाचार निरोधक प्रमुख आरएन स्वामी तथा अन्य प्रतिभागियों के साथ एक परिचर्चा में भाग ले रहे थे।
 
‘‘खेलों में नैतिकता तथा निष्ठा : कानून की जरूरत तथा सीबीआई की भूमिका’’ विषय पर बीती रात परिचर्चा में भाग लेते हुए सिन्हा ने कहा था कि देश में सट्टेबाजी को वैधानिक दर्जा दिए जाने में कोई हानि नहीं है। उन्होंने कहा था, यदि आप सट्टेबाजी पर प्रतिबंध को लागू नहीं करवा सकते तो यह कहना ऐसा है कि यदि आप बलात्कार को रोक नहीं सकते तो उसका मजा लें। सिन्हा ने आज कहा कि कानून का कड़ाई से पालन किया जाना चाहिए और कानून के अनुपालन का अभाव या उसके क्रियान्वयन में इच्छाशक्ति की कमी का मतलब यह नहीं है कि कानून नहीं बनाया जाना चाहिए।