यह ख़बर 20 जुलाई, 2014 को प्रकाशित हुई थी

बदायूं केस : दोबारा पोस्टमॉर्टम के लिए शवों को निकालने का काम टाला गया

बदायूं:

उत्तर प्रदेश के बदायूं में दो बहनों की बलात्कार के बाद हुई हत्या के मामले की जांच कर रही सीबीआई को फिलहाल शवों को निकालने में काफ़ी दिक्कत आ रही है। लगातार हो रही बारिश की वजह से नदी में पानी का स्तर बहुत बढ़ गया है, जिसके बाद फिलहाल शवों को निकालने का काम टाल दिया गया है।

दिल्ली से पोस्टमॉर्टम के लिए बदायूं गए एम्स के डॉक्टर आदर्श कुमार ने पूरे हालत की आज जानकारी दी। उन्होंने बताया कि हमें दोबारा पोस्टमॉर्टम हो जाने से जांच में मदद मिलती, साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि पोस्टमॉर्टम की बहुत ज़्यादा ज़रूरत नहीं है। अब पानी कम होने पर ही शवों को निकालने पर विचार किया जाएगा।

इससे पहले शनिवार को सीबीआई ने लड़कियों के पिता और चाचा से बात की, तो पाया कि उनके पहले के बयान और इस बयान में अंतर है। इसके अलावा पुलिस ने पोस्टमॉर्टम करने वाले डॉक्टरों और घटना के बाद मौक़े पर पहुंचने वाली पुलिस की टीम से भी पूछताछ की, तो पाया है कि अब तक हुई पुलिसिया जांच में कई कमियां हैं।

सूत्रों के मुताबिक इनका पहला पोस्टमॉर्टम रात में किया गया था, जो नियमों के ख़िलाफ़ है। सूरज ढलने के बाद सिर्फ इमरजेंसी मामलों में ही पोस्टमॉर्टम किया जाता है। यह भी कहा जा रहा है कि जिस महिला डॉक्टर ने पोस्टमॉर्टम किया था, उसे कोई अनुभव नहीं था।

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यह मामला 27 मई का है, जब शाम को दोनों नाबालिग बहनें लापता हो गईं थीं और इनके शव सुबह एक पेड़ से लटके हुए मिले थे।