अरुणाचल में राष्ट्रपति शासन की सिफारिश, कांग्रेस ने कहा- मोदी सरकार को भारी कीमत चुकानी होगी

अरुणाचल में राष्ट्रपति शासन की सिफारिश, कांग्रेस ने कहा- मोदी सरकार को भारी कीमत चुकानी होगी

नई दिल्ली:

कांग्रेस ने कहा है कि अरुणाचल प्रदेश में राष्ट्रपति शासन लागू करने के लिए कैबिनेट की सिफारिश को अगर राष्ट्रपति की मंजूरी मिल जाती है, तो वह इसे अदालत में चुनौती देगी। पार्टी ने लोकतंत्र का गला घोंटने का आरोप लगाते हुए नरेंद्र मोदी सरकार पर हमला किया।

आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में कैबिनेट की रविवार सुबह हुई बैठक में अरुणाचल प्रदेश में राष्ट्रपति शासन लागू करने की सिफारिश की गई। कांग्रेस ने आरोप लगाया कि 'बेहद गलत कदम' ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की संघीयता पर 'दोमुंहेपन' का पर्दाफाश किया है और सरकार को चेतावनी दी कि उसे इसके लिए 'भारी कीमत' चुकानी पड़ेगी।

कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने कहा, मोदी सरकार का अरुणाचल प्रदेश में राष्ट्रपति शासन लगाने का फैसला संवैधानिक आदेश का मजाक बनाने, संघवाद का दमन और लोकतंत्र को कुचलने को दर्शाता है। उन्होंने कहा, संघवाद के लिए सम्मान और 'टीम इंडिया' में राज्यों के समान भागीदार होने के मोदीजी के दोमुंहेपन का पर्दाफाश होता है।

कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल ने कहा कि पार्टी अदालत का दरवाजा खटखटाएगी और आरोप लगाया कि मोदी राजनैतिक असहिष्णुता की जड़ हैं। उन्होंने कहा, सरकार ने बेहद गलत कदम उठाया है। इससे गलत कदम संभवत: और कुछ नहीं हो सकता है। राज्यपाल ने खुद को शर्मसार किया था और अब सरकार खुद को शर्मसार कर रही है। वे भारी कीमत चुकाएंगे।

अरुणाचल में राष्ट्रपति शासन लागू करने की कैबिनेट की सिफारिश पर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने 'हैरानी' जताई और इसे देश के संविधान की 'हत्या' करार दिया।

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केजरीवाल ने ट्वीट किया, केंद्रीय कैबिनेट का अरुणाचल प्रदेश में राष्ट्रपति शासन की सिफारिश करना हतप्रभ करने वाला है। गणतंत्र दिवस से पूर्व यह संविधान की हत्या है। बीजेपी चुनाव नहीं जीत पाई और अब वह पिछले दरवाजे से सत्ता हासिल करना चाहती है।