यह ख़बर 28 जनवरी, 2011 को प्रकाशित हुई थी

चारा घोटाले में 62 दोषी करार, 23 को कारावास

खास बातें

  • सीबीआई के विशेष न्यायाधीश आरआर त्रिपाठी ने चाईबासा कोषागार से फर्जी तरीके से 8.37 करोड़ रुपये निकाले जाने से सम्बंधित मामले में फैसला सुनाया।
रांची:

केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की एक विशेष अदालत ने 1996 में हुए करोड़ों रुपये के चारा घोटाले में 27 सरकारी अधिकारियों सहित 62 लोगों को शुक्रवार को दोषी ठहराया और उनमें से 23 के खिलाफ तीन से पांच वर्ष के सश्रम कारावास की सजा सुनाई। सीबीआई के विशेष न्यायाधीश आरआर त्रिपाठी ने चाईबासा कोषागार से फर्जी तरीके से 8.37 करोड़ रुपये निकाले जाने से सम्बंधित मामले में यह फैसला सुनाया। कुल 62 दोषियों में से 27 सरकारी अधिकारी हैं और बाकी आपूर्तिकर्ता हैं। अदालत ने दोषी ठहराए गए 23 लोगों के खिलाफ तीन से पांच वर्ष के सश्रम कारावास की सजा सुनाई और उन पर 20,000 से 4.5 लाख रुपये तक का जुर्माना भी लगाया। बाकी दोषियों को शनिवार को सजा सुनाई जाएगी। करोड़ों रुपये का चारा घोटाला 1996 में उस समय सामने आया था, जब झारखण्ड अविभाजित बिहार का हिस्सा था। नवम्बर 2000 में बिहार से अलग होने के बाद सभी 61 मामले झारखण्ड स्थानांतरित कर दिए गए थे। विशेष सीबीआई अदालत, 32 मामलों में अपना फैसला सुना चुकी है। राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के प्रमुख लालू प्रसाद और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जगन्नाथ मिश्रा पांच मामलों में आरोपी हैं और इन मामलों की सुनवाई रांची स्थित सीबीआई की अदालतों में चल रही है।


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