नई दिल्ली:
सरहद पर सेना और बीएसएफ को जहां पाकिस्तान की ओर से हो रही फायरिंग की जवाबी कार्रवाई के लिए पूरे अधिकार दे दिए गए हैं। सीमापार से आतंकी घुसपैठ रोकने के लिए सभी जरूरी कदम उठाए गए हैं।
सरकार ने चीन से लगी सीमा पर भी अतिक्रमण और घुसपैठ पर कड़ा रुख अपनाने को कहा है। सरकार ने कहा है कि भारतीय नेता चीन के नेताओं के साथ सामरिक बातचीत जारी रखेंगे।
हालांकि सभी की नजर चीन के राष्ट्रपति शी जिंगपिंग की सिंतबर में होने वाली भारत यात्रा पर नजर है। लेकिन, इतना तय है कि फिलहाल पाकिस्तान के साथ कोई बातचीत नहीं होने जा रही है। न ही खुले तौर पर और न ही ट्रैक टू के जरिये।
रणनीति में यह बदलाव अंतरराष्ट्रीय सीमा पर लगातार पाकिस्तान की ओर से सीजफायर के उल्लंघन को देखते हुए किया गया है,
जिसका मकसद सरहद पर रहने वाले लोगों को निशाना बनाना है। जम्मू से सटे एलओसी पर फायरिंग की कम घटनाएं हुई हैं।
लेकिन, कश्मीर घाटी में घुसपैठ की घटनाओं में बढ़ोतरी हुई है। पिछले एक महीने में औसतन हर रोज एक मुठभेड़ की घटना हुई। इससे पहले घुसपैठियों को बाड़ाबंदी (फेंसिंग) तक पहुंचने से रोकने के लिए ज्यादा जवान मुस्तैद किए गए हैं। रविवार को हुई मुठभेड़ में चार आतंकी मारे भी गए।