यह ख़बर 11 जनवरी, 2014 को प्रकाशित हुई थी

जनता दरबार में मची अफरा-तफरी, केजरीवाल बीच में ही निकले बाहर

नई दिल्ली:

‘आम आदमी पार्टी’ (आप) सरकार की ओर से दिल्ली सचिवालय के सामने लगाए गए पहले जनता दरबार में अपनी शिकायत दर्ज कराने के लिए हजारों लोगों के आने से मची अफरातफरी के कारण मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को बीच में ही वहां से निकलना पड़ा।

मुख्यमंत्री और उनका मंत्रिमंडल लोगों की समस्याओं के समाधान के लिए जहां इकट्ठा हुए, वहां भारी भीड़ जमा हो गई।

दिल्ली पुलिस और सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) कर्मियों को भीड़ को संभालने में काफी मशक्कत करनी पड़ी। कुछ जगहों पर तो लोगों ने अवरोधक ही तोड़ डाले।

मुलाकात के लिए उमड़ पड़ी भीड़ के कारण केजरीवाल को बीच में ही निकलना पड़ा। केजरीवाल ने संवाददाताओं से कहा, हमने सोचा भी नहीं था कि आज इतने लोग आएंगे। उन्हें संभालना कठिन हो रहा था..अगर मैं वहां से नहीं निकलता तो भगदड़ मच सकती थी, हालांकि केजरीवाल ने माना कि इंतजामों में कमी रह गई। अब 2-3 दिन बाद पूरे इंतजाम करके जनता दरबार लगाया जाएगा।

पुलिस का अनुमान है कि सचिवालय के सामने करीब 50,000 लोग आए। भीड़ में मुख्य रूप से स्थायी करने तथा अन्य मांगों के साथ डीटीसी, बिजली कंपनी बीएसईएस, विभिन्न सरकारी अस्पतालों, नगर निगमों समेत अन्य सरकारी विभागों में अनुबंध पर काम करने वाले कर्मचारी भी थे।

मुख्यमंत्री ने सचिवालय की चहारदीवारी पर खड़े हो कर भीड़ से कहा कि उनकी समस्याओं का समाधान अगली बैठक में होगा। लोगों की समस्याएं सुनने के लिए इन्द्रप्रस्थ एक्सटेंशन में हुई बैठक में दिल्ली सरकार का पूरा मंत्रिमंडल मौजूद था।

यह बैठक केजरीवाल ने आम लोगों से सीधे संवाद करने और उनकी समस्याएं हल करने के लिए बुलाई थी। आयोजन स्थल पर सुबह 9 बजे से ही हजारों लोग एकत्र हो गए थे।

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सचिवालय के बाहर सड़क के किनारे तथा आसपास की सड़कों पर पुलिस ने अवरोधक लगा रखे थे, लेकिन भीड़ बेकाबू हो गई और आयोजन स्थल पर अव्यवस्था फैल गई। दो दिन पहले ही केजरीवाल ने घोषणा की थी कि उनका पूरा मंत्रिमंडल लोगों की समस्याओं के हल के लिए सचिवालय के बाहर बैठेगा।