यह ख़बर 10 जनवरी, 2014 को प्रकाशित हुई थी

सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज के खिलाफ लगे यौन उत्पीड़न के आरोप गंभीर : वीरप्पा मोइली

केंद्रीय मंत्री वीरप्पा मोइली का फाइल चित्र

नई दिल्ली:

वरिष्ठ केंद्रीय मंत्री एम वीरप्पा मोइली ने सुप्रीम कोर्ट के एक पूर्व जज के खिलाफ लगे यौन उत्पीड़न के आरोप को गंभीर बताया।

पहले कानून मंत्रालय की जिम्मेदारियां संभाल चुके पर्यावरण पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री एम वीरप्पा मोइली ने एनडीटीवी से कहा कि इस मामले में सुप्रीम कोर्ट को फैसला करना है कि वह इन आरोपों की जांच कराएगा या नहीं।

आपको बता दें कि एक महिला इंटर्न ने पूर्व जज पर यौन उत्पीड़न करने का आरोप लगाते हुए कहा कि जब वह जज के पास बतौर इंटर्न काम कर रही थी तब उन्होंने उसका यौन उत्पीड़न किया था। यह वाकया वर्ष 2011 का है।

मोइली से जब सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज के खिलाफ लगाए गए यौन उत्पीड़न के आरोपों के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने कहा, 'मैंने अखबारों में जो पढ़ा... वह एक गंभीर आरोप है।'

इससे पहले सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज एके गांगुली पर भी ऐसा ही आरोप लगा था और सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित एक समिति ने उन्हें प्रथम दृष्टया दोषी भी पाया था। जस्टिस गांगुली पर भी एक महिला इंटर्न ने एक पांच सितारा होटल में यौन-उत्पीड़न का आरोप लगाया था। हाल में जस्टिस गांगुली को इसी विवाद के चलते पश्चिम बंगाल के मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष पद से इस्तीफा देना पड़ा था।

इस नए मामले में भी महिला वकील ने सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश पी सत्शिवम से पिछले माह की गई अपनी शिकायत में कहा है कि जज ने अपने निवास पर उस पर तीन बार यौन हमला किया। दो बार शारीरिक तौर पर और एक बार मौखिक रूप से।

महिला वकील ने कहा, मैं मई 2011 में बतौर इंटर्न जज से जुड़ी। एक मौके पर जज ने मेरी पीठ के निचले हिस्से पर हाथ रखा। इस वजह से मैं काफी असहज हो गई थी और मैंने जज का हाथ हटा दिया। जज ने मुझसे एक बार पूछा कि क्या मैं उनके साथ यात्रा करने को तैयार हूं। होटल के कमरे में रुकने को तैयार हूं। महिला वकील का कहना है कि मैं कुछ कह नहीं पाई और काफी असमंजस में थी।

महिला वकील ने अपनी शिकायत में यह भी बताया कि 28 मई, 2011 को जज ने अपने दाहिने हाथ से मुझे घेरा और मेरे बाएं कंधे पर किस किया। 29 मई 2011 को मैं जज को कह दिया कि मैं उनके साथ आगे इंटर्न के रूप में आगे काम नहीं कर सकती।

इस बीच, सुप्रीम कोर्ट ने महिला इंटर्न से कहा कि वह जज के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं करेगा, क्योंकि जज रिटायर हो चुके हैं। हालांकि, मोइली ने इस पर कहा, ' इस घटना के समय वह सुप्रीम कोर्ट के जज थे या नहीं, यह कोई मायने नहीं रखता।'

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इसके अलावा अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल इंदिरा जयसिंह ने एनडीटीवी से बात करते हुए कहा कि सुप्रीम कोर्ट को इस मामले की जांच कर कार्रवाई करनी चाहिए। गौरतलब है कि इंदिरा जयसिंह ने जस्टिस गांगुली के खिलाफ भी कार्रवाई की मांग की थी।