तमिलनाडु की राजधानी चेन्नई की बारिश ने वर्ष 2005 में देश के एक अन्य महानगर में हुई जबर्दस्त बारिश की याद ताजा कर दी है। जी हां, बात हो रही है मायानगरी मुंबई की, जहां 25,26 और 27 जुलाई को मानो 'महाप्रलय' आ गया था। शहर में इतनी जबर्दस्त बारिश हुई थी कि हर तरफ पानी ही पानी नजर आ रहा था। मुंबई शहर के बारे में यह धारणा आम है कि यह शहर कभी नहीं थमता, लेकिन इस बारिश में मुंबई को भी थाम दिया था। जो व्यक्ति जहां था, वहीं थमकर रह गया। सड़कों पर इतना पानी था कि चौपहिया वाहन आधे से अधिक डूब गए थे।
तब 24 घंटे में हुई थी 944 मिमी बारिश
मुंबई में 25-26 जुलाई 2005 को रात दो बजे से बारिश का जो दौर शुरू हुआ उसने घंटों तक रुकने का नाम ही नहीं लिया। 26 जुलाई सुबह आठ बजे से 27 जुलाई को सुबह आठ बजे तक 944 मिमी बारिश रिकॉर्ड की गई। इससे पहले भी मुंबई में 1974 में सर्वाधिक 575 मिमी बरसात का रिकॉर्ड रहा था।
एक हजार से अधिक को गंवानी पड़ी थी जानतेज बरसात के कहर ने करीब एक हजार से अधिक लोगों की जान ले ली थी। लाखों की संख्या में लोगों को घर से बेघर होना पड़ा था। यही नहीं, एक ही दिन में 550 करोड़ रुपए की आर्थिक हानि भी हुई थी। बाढ़ के बाद कई बीमारियों ने महानगर में कई लोगों की जान ले ली थी। तीन दिनों तक पानी में डूबी आधी मुंबई देश से कटी रही। शहर की लाइफ लाइन मानी जाने वाली लोकल ट्रेन जहां खड़ी थीं, वहीं खड़ी रह गई थीं।