यह ख़बर 20 अगस्त, 2014 को प्रकाशित हुई थी

चीन ने वास्तविक नियंत्रण रेखा पर भारतीय सेना की 'वस्तुपरक समझ बूझ' की सराहना की

बीजिंग:

लद्दाख में पीएलए की घुसपैठ की हालिया खबरों के जवाब में भारतीय सेना की प्रतिक्रिया की चीन ने बुधवार को सराहना करते हुए कहा कि इसने सीमा पर विशेष परिस्थितियों में वस्तुपरक समझ-बूझ को प्रदर्शित किया है।

लद्दाख में बर्टशे इलाके में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर भारत की सीमा के 25 से 30 किलोमीटर अंदर तक चीनी सैनिकों के घुसने की खबरों पर प्रतिक्रिया में चीनी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता हुआ चुनयिंग ने मीडिया से इन घटनाओं की रिपोर्टिंग करने में और अधिक वस्तुनिष्ठ रहने को कहा है।

उन्होंने भारतीय सेना के अधिकारियों के इस घटना से इनकार किए जाने का हवाला देते हुए कहा, 'चीन ने प्रासंगिक खबरों और भारतीय स्थिति पर गौर किया है। भारतीय स्थिति वस्तुपरक समझ बूझ और चीन-भारत सीमाओं में विशेष स्थिति के प्रति तर्कसंगत रुख को प्रदर्शित करता है।

सेना प्रमुख दलबीर सिंह सुहाग ने खुद कहा है कि ऐसा कुछ नहीं है। बर्टशे इलाके में पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) की मौजूदगी के बारे में पीटीआई के एक लिखित सवाल के जवाब में हुआ ने बताया कि चीन और भारत की सीमा पर तैनात दोनों देशों के सैनिक सीमा पर वास्तविक स्थिति के बारे में बहुत स्पष्ट हैं। लंबे समय से उन्होंने संयम रखा है और शांतिपूर्ण सह अस्तित्व कायम रखा है।

उन्होंने कहा, 'कुल मिलाकर चीन-भारत सीमा पर स्थिति शांतिपूर्ण और स्थिर है।' साथ ही, चीन सीमा पर संयुक्त रूप से शांति और स्थिरता कायम रखने के लिए भारत के साथ काम करना चाहता है।

उन्होंने मीडिया से सीमा स्थिति पर वस्तुनिष्ठ रिपोर्टिंग करने की भी अपील की।

हुआ ने कहा कि चीन आशा करता है कि मीडिया दोनों देशों के लोगों के मूलभूत हितों को ध्यान में रख कर काम करेगा तथा चीन-भारत सीमा पर स्थिति की रिपोर्टिंग वस्तुनिष्ठता, सही-सही और तर्कसंगत रूप से करेगा। घुसपैठ की खबरों और खासतौर पर पिछले साल लद्दाख सेक्टर की देपसांग घाटी की घटना का हवाला देते हुए चीनी रक्षा मंत्रालय ने पिछले महीने कहा था कि ऐसी घटनाएं विवादित सीमा के बारे में अलग-अलग विचार रखने के चलते हुई, लेकिन इन्हें बातचीत के जरिये सुलझा लिया गया।

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कर्नल गेंग यानशेंग ने पिछड़ले महीने एक मीडिया ब्रीफिंग में कहा था, 'सीमा रेखा नहीं खींची गई है और दोनों देश वास्तविक सीमा रेखा के बारे में अलग अलग विचार रखते हैं।'