यह ख़बर 18 अगस्त, 2014 को प्रकाशित हुई थी

चीनी सैनिक भारतीय क्षेत्र में 25 किलोमीटर तक घुसे : सूत्र

फाइल फोटो

लेह/नई दिल्ली:

लद्दाख के बर्तसे इलाके में भारतीय क्षेत्र में चीनी सैनिकों के 25 से 30 किलोमीटर अंदर तक घुसने की खबर है, जहां उन्होंने पिछले साल अपने तंबू लगाए थे और तीन सप्ताह तक तनाव की स्थिति रही थी।

आधिकारिक सूत्रों ने आज बताया कि भारतीय सैनिकों के एक गश्तीदल ने कल अपने केंद्र से जम्मू कश्मीर में उत्तरी लद्दाख के बर्तसे इलाके की 'न्यू पेट्रोल बेस' चौकी की ओर जाते हुए पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) के जवानों को देखा। यह क्षेत्र 17,000 फुट की ऊंचाई पर स्थित है।

सूत्रों ने कहा कि अपने केंद्र से महज डेढ़ किलोमीटर चलने के बाद सैनिकों ने वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) से 25 से 30 किलोमीटर अंदर भारतीय क्षेत्र में चीनी जवानों को देखा।

नई मानक संचालन प्रक्रियाओं का पालन करते हुए भारतीय सैनिक अपने अड्डे की ओर लौट गए। सैनिकों ने आज तड़के 'न्यू पेट्रोल बेस' चौकी तक एक बार फिर गश्त की।

हालांकि उन्हें हालात में कोई परिवर्तन देखने को नहीं मिला और उन्होंने वहां मैदान में पीएलए के जवानों को बैठे हुए देखा जिनके हाथों में झंडे थे और उन पर लिखा था, 'यह चीनी क्षेत्र है, वापस जाओ।'

सूत्रों ने बताया कि भारतीय गश्ती दल के साथ एक त्वरित प्रतिक्रिया दल भी था, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ और चीन के सैनिकों ने अपनी जगह से हिलने से इनकार कर दिया। अंतत: भारतीय सैनिक अपने केंद्र पर लौट आए और उच्च अधिकारियों को सूचित किया। उधमपुर में सैन्य प्रवक्ता कर्नल एस डी गोस्वामी ने इस तरह की किसी भी घटना घटने से इनकार किया है। लेकिन उन्होंने कहा कि भारत और चीन के बीच कोई साझा निर्धारित एलएसी नहीं है जिससे उल्लंघन होता हो।

ईमेल से पूछे गए सवालों के जवाब में प्रवक्ता ने कहा, 'सीमा पर ऐसे क्षेत्र हैं जिन्हें लेकर भारत और चीन की एलएसी की धारणा अलग है। चूंकि दोनों पक्ष अपने दृष्टिकोण के अनुरूप एलएसी तक गश्त करते हैं इसलिए अतिक्रमण होता है।' उन्होंने कहा, 'हालांकि भारत-चीन सीमा पर चीन द्वारा भारतीय क्षेत्र में किसी तरह की घुसपैठ या अतिक्रमण की कोई घटना नहीं घटी है।'

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प्रवक्ता ने कहा कि भारत नियमित रूप से अतिक्रमण की किसी भी बात को स्थापित प्रणाली के माध्यम से चीनी पक्ष के साथ उठाता है जिनमें फ्लैग वार्ताएं, सीमा पर जवानों की बैठकें और भारत-चीन सीमा मामलों पर परामर्श तथा समन्वय के लिए कार्य प्रणाली जैसे सामान्य राजनयिक चैनल शामिल हैं।
उन्होंने कहा कि इन बैठकों में भारत और चीन के बीच अनेक समझौतों के प्रावधानों के माध्यम से मुद्दों को सुलझाया जाता है।