जाकिर नाइक पर जांच की बात तो सही है, लेकिन दूसरे लोगों पर जांच क्यों नहीं : गुलाम नबी

जाकिर नाइक पर जांच की बात तो सही है, लेकिन दूसरे लोगों पर जांच क्यों नहीं : गुलाम नबी

नई दिल्ली:

कश्मीर के हालत पर राज्यसभा में चर्चा के दौरान कांग्रेसी सांसद गुलाम नबी आजाद ने कहा कि इस मामले में हमें जो सबक सीखना चाहिए था, ये हालात 2008-10 से आगे बढ़ गए हैं और यह चिंता का विषय है। पढ़िए, भाषण के मुख्य अंश-

 

  • मिलिटेंट पहले भी मरते थे, लेकिन ऐसा वातावरण पहले नहीं था। आज घाटी के 10 के 10 जिलों में लोग मारे गए हैं। दक्षिण कश्मीर में सबसे ज्यादा नुकसान हुआ। घाटी में ऐसा कोई इलाका नहीं रहा जहां तनाव नहीं है।
  • आजाद ने कहा कि जिस तरह से बैलेट गन का प्रयोग किया गया, वह बेरहमी से किया गया। उन्होंने कहा कि जो तस्वीरों कश्मीर से आई हैं वह आपत्ति जनक है।
  • आजाद ने दावा किया कि कोई मिलिटेंसी का समर्थन नहीं करता है। कांग्रेस ने जो वह ये सरकार कभी नहीं कर पाएगी। मिलिटेंट और आम आदमी में अंतर होना चाहिए। उन्होंने कहा कि कश्मीर में ऐसा नहीं होना चाहिए।
  • कांग्रेस नेता ने कहा कि कश्मीर के सभी अस्पताल भरे हुए हैं। इस घटनाओं में 1800 लोग जख्मी हुए हैं। पैलेट गन के ये लोग शिकार बने हैं।
  • उन्होंने कहा कि हरियाणा में ऐसा नहीं हुआ। बड़ा आंदोलन था लोग मारे गए, लेकिन ऐसा यहां पर प्रयोग नहीं किया गया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस, एनसी के राज में ऐसा नहीं था। मिलिटेंट मारे जाते था लेकिन अब माहौल खराब हुआ है।
(कांग्रेस के आरोपों पर अरुण जेटली का जवाब)
  • उन्होंने कहा कि तब भी मिलिटेंट मारे गए लेकिन आम लोगों पर अन्याय नहीं हुआ। हमने गलतियों से सीखा। उन्होंने कि भारत में आईएसआईएस न होने के बराबर है। इससे बड़ा देशभक्ति का और कोई उदाहरण नहीं होगा। भारत और कश्मीर के मुसलमानों के लिए गौरव की बात है।
  • गुलाम नबी आजाद ने कहा कि कश्मीर में लोगों का विश्वास जीतने में सदियों लगेगा।
  • कश्मीर में सरकार को जितनी ताकत का प्रयोग किया उससे ज्यादा प्रयोग किया गया। यह बात सरकार ने खुद मान ली है। आखिर क्यों देश के किसी और हिस्से में ऐसा नहीं होता।
  • लोगों में इतनी पीड़ा है कि 10 दिनों के कर्फ्यू के बाद भी लोग नाराज हैं। लोग परेशान है, खाना नहीं है, दूध नहीं है फिर लोग नाराज हैं।
  • उन्होंने कहा कि कश्मीर में अभी भी पर्यटन जारी है। इसके लिए वहां के लोग बधाई के पात्र हैं। ऐसे माहौल में उन्होंने सांप्रदायिकता का सहारा नहीं लिया।
  • उन्होंने कहा कि कर्फ्यू इसलिए नहीं तोड़ा जाता, प्रदर्शन हो, लेकिन एक हिंदू पंडित के अंतिम संस्कार के लिए भी ऐसा किया गया।
  • प्रेस की आजादी पर आजाद ने कहा कि अखबार बंद है, इंटरनेट बंद है। उन्होंने कहा कि प्रेस की आजादी देश के बरबादी का कारण नहीं बनना चाहिए। आज प्राइम टाइम में टीवी चैनल लोगों को लड़ाने का काम कर रहे हैं।
  • गुलाम नबी आजाद ने कहा, जाकिर नाइक पर जांच की बात तो सही है, लेकिन दूसरे लोगों पर जांच क्यों नहीं। एकतरफा जांच होना सही नहीं है।
  • तसलीमा नसरीन को बांग्लादेश ने इस्लाम के खिलाफ लिखने, कुरान के खिलाफ लिखने के लिए देशनिकाला दिया गया। अब वह भारत में रह रही हैं। अब यहां देश के चैनल उन्हें इस्लाम को गाली देने के लिए बुलाते हैं। इसके लिए भी केंद्र सरकार दोषी है।
  • आजाद ने कहा कि पाकिस्तान का वजूद ही सब बीमारियों की जड़ है। पाकिस्तान अलग हो गया लेकिन अब वह भारत को छोड़ दे। पाकिस्तान के सहारे भारत का मुसलमान जिंदा नहीं रहना चाहता। आप अपनी चिंता करें, हमें हमारी चिंता करने दें। पाकिस्तान में काला दिवस के मुद्दे पर आजाद ने कहा कि वहां के हालात ऐसे हैं कि वहां रोज काला दिवस मनाएंगे तब भी स्थिति नहीं सुधरेगी।
  • आजाद ने सरकार ने मांग की कि अगर राज्य में ज्यादा फोर्स का प्रयोग हुआ है तो किसी को जिम्मेदार भी बनाया जाए और उसके खिलाफ कार्रवाई की जाए।
     

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