यह ख़बर 10 नवंबर, 2012 को प्रकाशित हुई थी

गिरिडीह नक्सली हमले पर मुख्यमंत्री ने रिपोर्ट तलब की

खास बातें

  • झारखंड के गिरिडीह जिले में शाम को हुए नक्सली हमले में कैदी वाहन से आठ खूंखार नक्सलियों को छुड़ाए जाने की घटना पर मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा ने पुलिस महानिदेशक से रिपोर्ट तलब की है।
रांची:

झारखंड के गिरिडीह जिले में शाम को हुए नक्सली हमले में कैदी वाहन से आठ खूंखार नक्सलियों को छुड़ाए जाने की घटना पर मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा ने पुलिस महानिदेशक से रिपोर्ट तलब की है।

मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा ने कहा कि गिरिडीह में जिस तरह दिनदहाड़े दर्जनों नक्सलियों ने कैदी वाहन पर हमला कर आठ खूंखार माओवादियों को छुड़ा लिया उस पर उन्होंने पुलिस महानिदेशक से रिपोर्ट तलब की है। उन्होंने कहा कि यह घटना निंदनीय है और इसकी जितनी भी निंदा की जाए कम है लेकिन इसमें पुलिस और प्रशासन की चूक कहां हुई, इसका पता लगाकर कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि एक बार पूरी रिपोर्ट आ जाने के बाद ही इस घटना पर विस्तृत टिप्पणी करना उचित होगा।

ज्ञातव्य है कि झारखंड की राजधानी रांची से लगभग सवा दौ सौ किलोमीटर दूर गिरिडीह में गिरिडीह-धनबाद राजमार्ग पर शाम लगभग चार बजे मोहनपुर में घात लगाए लगभग सौ नक्सलियों ने स्थानीय अदालत से पेशी के बाद लौट रहे खूंखार नक्सलियों समेत 32 कैदियों से भरे जेल वाहन पर हमला कर अपने आठ माओवादी साथियों को छुड़ा लिया। इस दौरान हुई मुठभेड़ में तीन पुलिसकर्मियों समेत चार लोगों की मौत हो गई और पांच पुलिसकर्मियों समेत छह लोग घायल हो गए।

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यह महत्वपूर्ण है कि नक्सलियों ने जब इस घटना को अंजाम दिया ठीक उसी समय गिरिडीह के ही नक्सल प्रभावित डुमरी इलाके में झारखंड विकास मोर्चा के प्रमुख और पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी का एक कार्यक्रम था जिसमें अधिकतर पुलिस बल की तैनाती की गई थी। इसका भी लाभ नक्सलियों को मिला।