कोयला घोटाला : नवीन जिंदल, मधु कोड़ा और अन्य को जमानत

नवीन जिंदल की फाइल तस्वीर

नई दिल्ली:

कोल ब्लॉक आवंटन घोटाला मामले में कांग्रेस नेता और उद्योगपति नवीन जिंदल, पूर्व कोयला मंत्री दसारी नारायण राव, पूर्व कोयला सचिव एचसी गुप्ता और झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा समेत 15 आरोपियों को बड़ी राहत देते हुए पटियाला हाउस की स्पेशल कोर्ट ने उन्हें एक-एक लाख के निजी मुचलके पर जमानत दे दी।

कोर्ट ने शर्त लगाई है कि आरोपी बिना अनुमति देश छोड़कर नहीं जाएंगे और सबूतों और गवाहों को प्रभावित नहीं करेंगे। हालांकि इस दौरान सीबीआई ने जमानत का विरोध किया, लेकिन कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि बेशक आरोप गंभीर हैं और आरोपी समाज के प्रभावशाली लोग हैं, लेकिन ये बात भी सही है कि सीबीआई ने उन्हें जांच के दौरान गिरफ्तार नहीं किया था।

सुनवाई के दौरान नवीन जिंदल समेत कई आरोपियों की दलील थी कि वो शुरुआत से ही जांच में सहयोग कर रहे हैं और उन्हे जांच के वक्त गिरफ्तार नहीं किया गया। कोर्ट के आदेश का वो आगे भी पालन करते रहेंगे। हालांकि पूर्व कोयला राज्य मंत्री दसारी नारायण राव और पूर्व कोयला सचिव एचसी गुप्ता ने कहा कि इस आवंटन में उनकी भूमिका पीएमओ और कोयला मंत्री को जानकारी और दस्तावेज मुहैया कराने की थी।

कोयला घोटाले में इन सभी को आरोपी बनाते हुए स्पेशल कोर्ट ने 22 मई को पेश होने के लिए समन भी जारी किए थे। इससे पहले सीबीआई ने नवीन जिंदल, दसारी नारायण राव, एचसी गुप्ता और मधु कोड़ा समेत 15 आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दायर की थी। इन सारे आरोपियों को सीबीआई ने आपराधिक साजिश, धोखाधड़ी और भ्रष्टाचार रोकथाम अधिनियम के तहत आरोपी बनाया।

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सीबीआई ने झारखंड के बीरभूम के अमरकोंडा मुर्गदंगल कोल ब्लॉक आवंटन मामले में 2013 में एफआईआर दर्ज की थी। जांच एजेंसी के मुताबिक, आवंटन के लिए गलत जानकारियां दी गई थीं। चार्जशीट में 10 लोगों के अलावा 5 कंपनियों - जिंदल स्टील एंड पावर लिमिटेड (JSPL), जिंदल रियलटी प्राइवेट लिमिटेड, जिंदल की ही गगन स्पांज प्राईवेट लिमिटेड और न्यू दिल्ली एक्जिम प्राईवेट लिमिटेड के साथ-साथ सौभाग्य मीडिया लिमिटेड को आरोपी बनाया गया।