यह ख़बर 12 सितंबर, 2014 को प्रकाशित हुई थी

मनमोहन पर राय की टिप्पणी गंभीर, लेकिन सरकार नहीं करेगी हस्तक्षेप : भाजपा

फाइल फोटो

नई दिल्ली:

भाजपा ने शुक्रवार को कहा कि पूर्व नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) विनोद राय के 'रहस्योद्घाटन' से उसके इन आरोपों की पुष्टि हो गई है कि 2जी स्पैक्ट्रम और कोयला ब्लॉक आवंटन जैसे भ्रष्टाचार के बारे में तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और 10 जनपथ को जानकारी थी। लेकिन पूर्व प्रधानमंत्री और कांग्रेस नेतृत्व के खिलाफ कार्रवाई की बात से सत्तारूढ़ दल ने यह कहते हुए इनकार कर दिया कि कानून अपना काम करेगा।

सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावडेकर ने कहा, 'पूर्व कैग के रहस्योद्घाटन से हमारी इस राय की पुष्टि हुई है कि सीडब्ल्यूजी, 2जी स्पैक्ट्रम, जीजाजी (राबर्ट वाड्रा भूमि विवाद), कोयला ब्लाक आवंटन और एयर इंडिया जैसे हुए बड़े घोटालों की तत्कालीन प्रधानमंत्री को जानकारी थी।'

उन्होंने इन भ्रष्टाचारों में कांग्रेस नेतृत्व को भी लपेटते हुए कहा, 'संप्रग शासन में सत्ता का विभाजन था। भ्रष्टाचार की जवाबदेही से कांग्रेस नेतृत्व भी बच नहीं सकता, क्योंकि सब जानते हैं कि प्रधानमंत्री पद पर मनमोहन सिंह थे, लेकिन सत्ता 10 जनपथ (सोनिया गांधी का निवास) के पास थी। वहां से प्रधानमंत्री के पास चिट्ठी आती थी।'

यह पूछे जाने पर कि ऐसे में क्या भाजपा की अगुवाई वाली नरेन्द्र मोदी सरकार मनमोहन सिंह और कांग्रेस नेतृत्व या अन्य दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करेगी, सूचना एवं प्रसारण मंत्री ने कहा, 'ये मामले अदालतों में हैं। भाजपा नीत सरकार जांच में हस्तक्षेप नहीं करेगी जैसा कि संप्रग सरकार किया करती थी और कानून को अपना काम करने देगी। ..हमारी सरकार को 100 दिन हो गए हैं और हमने ऐसा कोई हस्तक्षेप नहीं किया कानून अपना काम कर रहा है।'

जावडेकर ने सिंह के बारे में पूर्व कैग विनोद राय की हाल की टिप्पणियों के बारे में संवाददाताओं के सवालों के जवाब में कहा कि संप्रग सरकार में एक के बाद एक भ्रष्टाचार हो रहे थे और यह संभव नहीं है कि तत्कालीन प्रधानमंत्री को कुछ जानकारी नहीं थी। उनके अनुसार 'यह तत्कालीन प्रधानमंत्री की जिम्मेदारी थी। एक के बाद एक भ्रष्टाचार के इतने मामले हुए और आप कहते हैं कि मुझे कुछ नहीं मालूम, ऐसा नहीं हो सकता। ऐसे में यह गंभीर रहस्योद्घाटन है।'

विनोद राय को बहुत सफल कैग बताते हुए मंत्री ने कहा कि उन्होंने कई सारी अनियमितताओं को उजागर किया।

उन्होंने कहा, कोयला आवंटन में भ्रष्टाचार के बारे में उन्होंने (जावडेकर ने) ही शिकायत की थी, जिसके बाद सीबीआई ने जांच की।

पूर्व कैग ने एक साक्षात्कार में सिंह की आलोचना की है। उन्होंने कहा है कि उनका मानना है कि सिंह पहले आओ पहले पाओ के आधार पर 2जी स्पेक्ट्रम के आवंटन और बिना नीलामी के कोयला ब्लाक आवंटन संबंधी फैसलों का हिस्सा थे।

राय ने कहा है, '..2जी और कोयला (ब्लॉक आवंटन) मामलों में वह (सिंह) अपनी जिम्मेदारी से बच नहीं सकते। 2जी के संबंध में ए राजा (तत्कालीन दूरसंचार मंत्री) ने सभी पत्र उन्हें (सिंह को) लिखे और उन्होंने उन सबका जवाब दिया। लेकिन मैंने उन्हें जो भी पत्र लिखे मुझे उनका जवाब नहीं मिला।

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पूर्व कैग ने कहा, 'एक अवसर पर जब मैंने उनसे बात की तो प्रधानमंत्री ने कहा, मुझे उम्मीद है कि आप मेरी तरफ से जवाब की आशा नहीं कर रहे हैं, जबकि वह राजा को दिन में दो बार जवाब देते थे। ऐसे में उन निर्णयों के लिए उन्हें जिम्मेदार कैसे नहीं ठहराया जा सकता?'