यह ख़बर 17 सितंबर, 2012 को प्रकाशित हुई थी

कांग्रेस ममता को मनाने और भाजपा, वामदल बंद की तैयारियों में जुटे

खास बातें

  • डीजल मूल्य वृद्धि, रसोई गैस और बहुब्रांड रिटेल में एफडीआई पर लिए गए फैसलों पर विपक्ष के साथ-साथ सहयोगी दलों के आक्रोश का सामना कर रही कांग्रेस ने एक ओर साफ कर दिया कि वह इन फैसलों पर पीछे नहीं हटने वाली है वहीं उसने संकेत भी दिया कि वह सहयोगियों के बीच सह
नई दिल्ली:

डीजल मूल्य वृद्धि, रसोई गैस और बहुब्रांड रिटेल में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) पर लिए गए फैसलों पर विपक्ष के साथ-साथ सहयोगी दलों के आक्रोश का सामना कर रही कांग्रेस ने सोमवार को एक ओर साफ कर दिया कि वह इन फैसलों पर पीछे नहीं हटने वाली है वहीं उसने संकेत भी दिया कि वह सहयोगियों के बीच सहमति बनाने में भी लगी हुई है।

केंद्रीय वित्त मंत्री पी. चिदम्बरम ने कहा कि सरकार डीजल मूल्य वृद्धि और बहुब्रांड खुदरा कारोबार में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) के फैसले को वापस नहीं लेगी वहीं कांग्रेस प्रवक्ता रेणुका चौधरी ने कहा कि सरकार अपने सहयोगियों से वार्ता कर रही है और उम्मीद है कि दोनों पक्ष एक दूसरे की मजबूरियां समझेंगे।

दूसरी ओर, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और वामपंथी दल अपने-अपने सहयोगियों के साथ 20 सितम्बर को आहूत बंद की तैयारियों में लगे हुए हैं।

इस बीच, कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने पार्टी के शीर्ष नेताओं रक्षा मंत्री एके एंटनी, केंद्रीय वित्त मंत्री पी. चिदम्बरम, केंद्रीय गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे और राजनीतिक सचिव अहमद पटेल के साथ पार्टी की रणनीति पर चर्चा की।

चिदम्बरम ने संवाददाताओं से कहा कि पिछले सप्ताह के फैसले से सरकार के सामने अस्तित्व का कोई संकट नहीं है। उन्होंने कहा, "हम अपने सहयोगियों को यह समझाने में सफल होंगे कि जो हमने किया है, वह अर्थव्यवस्था के लिए सबसे अच्छा है।"

मनमोहन सिंह की सरकार ने पिछले सप्ताह बहुब्रांड खुदरा कारोबार में 51 फीसदी एफडीआई और घरेलू विमानन कम्पनियों में विदेशी विमानन कम्पनियों की अधिकतम 49 फीसदी एफडीआई को इजाजत दे दी। सरकार ने डीजल मूल्य भी प्रतिलीटर पांच रुपये बढ़ा दिया। इसके अलावा साल में रियायती दर पर रसोई गैस की संख्या घटाकर छह कर दी।

यूपीए सरकार की प्रमुख सहयोगी तृणमूल कांग्रेस की अध्यक्ष ममता बनर्जी ने सरकार से फैसला वापस लेने के लिए 72 घंटे का अल्टीमेटम दिया है जिसकी मियाद मंगलवार को खत्म हो रही है। मंगलवार को होने वाली पार्टी संसदीय दल की बैठक में तृणमूल कांग्रेस अपना फैसला लेगी।

चिदम्बरम ने कहा, "हमने वही किया है जो डीजल और रसोई गैस के मामले में करने योग्य था।" पेट्रोल मूल्य की कम वसूली पर भी फैसला लेने की जरूरत थी। उन्होंने कहा कि सरकार अपनी आमदनी के उपाय को बढ़ाएगी और वित्तीय घाटा कम करने के उपाय करेगी। उन्होंने कहा कि ऐसे कई तरीके हैं, जिससे खर्च कम किया जा सकता है।

चिदम्बरम ने यह भी कहा कि सरकार वित्तीय घाटा कम करने और विकास को आगे बढ़ाने के लिए जल्द ही और उपायों की घोषणा करेगी।

उधर, चौधरी ने कहा कि सरकार अपने सहयोगियों से बातचीत कर रही है। साथ ही उन्होंने उम्मीद जताई कि दोनों पक्ष एक दूसरे की मजबूरियों को समझेंगे। उन्होंने कहा, "बातचीत जारी है। हम अपने सहयोगियों की मजबूरियां समझते हैं। साथ ही यह उम्मीद भी करते हैं वे भी हमारी मजबूरियों को समझेंगे।" उन्होंने साफ संकेत दिया कि कांग्रेस तृणमूल कांग्रेस को पटरी पर लाने के प्रयास में लगी हुई है। चौधरी ने कहा, "हम उनकी मजबूरियों की सराहना करते हैं।"

केंद्रीय पर्यटन राज्यमंत्री सुल्तान अहमद ने कहा, "कांग्रेस का शीर्ष नेतृत्व ममता बनर्जी से लगातार संपर्क साधे हुए है।" उन्होंने हालांकि कहा कि उन्हें इस बात की जानकारी नहीं है कि प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने फोन पर ममता से की है या नहीं। अहमद ने कहा, "हमने साफ कह दिया है कि हम इन नीतियों से सहमत नहीं हैं। अब यह कांग्रेस पर निर्भर है।"

यह पूछे जाने पर कि कांग्रेस यदि इन फैसलों को वापस नहीं लेती है तो तृणमूल के पास क्या विकल्प होंगे, "हम मंगलवार को सभी विकल्पों पर चर्चा करेंगे। इसमें मंत्री पद छोड़ने लेकिन सरकार को बाहर से समर्थन जारी रखने से लेकर समर्थन वापस लेने तक का फैसला हो सकता है। हम जनविरोधी नीतियों का समर्थन नहीं कर सकते।"

उधर, केंद्रीय ऊर्जा मंत्री एम. वीरप्पा मोइली ने एफडीआई के मसले पर यूपीए सरकार तृणमूल कांग्रेस की अध्यक्ष ममता बनर्जी के सामने घुटने नहीं टेकेगी।

मोइली ने शिलांग में पत्रकारों से बातचीत में कहा, "यह किसी के घुटने टेकने या नहीं टेकने का सवाल नहीं रह गया है। हम लोकतंत्र के साथ जी रहे हैं और अब हमें कोई नहीं रोक सकता।" उन्होंने कहा, "एफडीआई का फैसला बहुत बड़ा फैसला है। यह देश की पूरी आर्थिक स्थिति को बदल देगा।"

सरकार और उसके सहयोगियों के बीच चल रहे खेल से इतर भाजपा और वामपंथी दल 20 सितम्बर को देशव्यापी बंद की तैयारियों में लगे हुए हैं।

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भाजपा ने कहा कि देशव्यापी बंद को लोगों का भारी समर्थन मिलेगा। भाजपा प्रवक्ता प्रकाश जावडेकर ने यहां संवाददाताओं से कहा, "एफडीआई की अनुमति देने के सरकार के हाल के फैसले ने देश के अंत:करण को हिलाकर रख दिया है।" उन्होंने कहा कि संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार का रोजगार के नए अवसर सृजित करने का रिकार्ड निराशाजनक रहा है और एफडीआई के फैसले का औद्योगिक क्षेत्र में नौकरियों पर विपरीत प्रभाव पड़ेगा। उन्होंने कहा, "राजग (राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन) सरकार ने प्रतिवर्ष 80 लाख रोजगार के अवसर सृजित किए थे लेकिन संप्रग सरकार में यह आंकड़ा 20 लाख का भी नहीं है।"