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खास बातें
- लोकसभा में विपक्ष की नेता सुषमा स्वराज ने कहा कि सदन में चर्चा के दौरान अगर कोई आमसहमति बनी है तो वह बहु ब्रांड खुदरा क्षेत्र में एफडीआई के खिलाफ बनी है।
नई दिल्ली: एफडीआई के मुद्दे पर सरकार के आमसहमति बनाने का प्रयास करने की दलीलों को सिरे से खारिज करते हुए लोकसभा में विपक्ष की नेता सुषमा स्वराज ने कहा कि सदन में चर्चा के दौरान अगर कोई आमसहमति बनी है तो वह बहु ब्रांड खुदरा क्षेत्र में एफडीआई के खिलाफ बनी है।
एफडीआई पर चर्चा का जवाब देते हुए सुषमा ने कहा कि सदन में इस दो दिन की चर्चा में भी जिन 18 दलों ने हिस्सा लिया उनमें से सपा और बसपा सहित 14 ने एफडीआई का विरोध किया है और अगर उन 14 दलों के सदस्यों की संख्या जोड़ ली जाए तो उनकी संख्या 282 हो जाती है जो बहुमत से कहीं अधिक है जबकि जिन दलों ने इसका समर्थन किया है उनकी संख्या केवल 224 होती है।
उन्होंने कहा कि सदन में पहली बार आमसहमति बनी है तो एफडीआई के फैसले के खिलाफ बनी है।
विपक्ष की नेता ने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से अपील की कि वह इस आमसहमति का सम्मान करते हुए सरकार के फैसले को वापस ले लें।
उन्होंने सवाल किया कि जब सरकार के मंत्री (सिब्बल) कहते हैं कि बड़ी-बड़ी गाड़ियों वाले लोग वालमार्ट में खरीदारी करेंगे तब आम आदमी के हितों की बात कहां आती है। ‘‘सरकार आम लोगों की बात करती है लेकिन नीतियां बड़ी-बड़ी गाड़ियों में चलने वाले लोगों के लिए बनाती है।’’
सुषमा ने कहा कि सरकार राजकोषिय घाटे और वालमार्ट के घाटे की बात करती है तब एक घाटे वाला दूसरे घाटे वाले को कैसे उबारेगा।
कांग्रेस सदस्य भूपिन्दर हुडा का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि वे किसान का पुत्र होने की बात करते हैं लेकिन मैकडोनाल्ड को दो फुट का आलू पैदा करके देने का भी दावा करते हैं।